जालोर. राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष में उप कारागृह सांचौर में स्वास्थ्य टीम द्वारा बंदियों को टीबी रोग प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया।
डॉ भैराराम जानी बताया कि कारागृह में जागरूकता बैठक का आयोजन करने का मुख्य उद्वेश्य यह है कि कारागृह में सभी बंदी एक साथ रहते है एवं यदि कोई एक व्यक्ति टीबी से संक्रमित है तो वह अन्य स्वस्थ्य व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है। उन्होंने टीबी की जानकारी देते हुये कहा की टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो हवा के माध्यम से फैलती है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से टीबी के जीवाणु हवा में फैल जाते है एवं अन्य स्वस्थ्य व्यक्ति के सांस लेने के साथ वह जीवाणु शरीर में प्रवेश कर सकते है। इसलिए टीबी रोगी को खांसते, छीकतें हुए मुंह पर रूमाल या कोई कपड़ा रखना चाहिए, हर जगह थूकना नहीं चाहिए, समय पर अपनी जांच करवा कर उपचार शुरू करना है एवं चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा दी गई।
जानकारी का अनुसरण कर हम टीबी को हरा सकते है। टीबी रोग की जांच एवं उपचार समस्त सरकारी संस्थानों में निःशुल्क उपलब्ध है साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगी को उपचार के दौरान प्रत्येक माह पोषण हेतु 500 रुपए पोषण राशि के रूप में दी जा रही है। अधूरा एवं अपूर्ण उपचार पर टीबी गंभीर टीबी के रूप परिवर्तित हो सकती है। इस अवसर पर सीनियर नर्सिंग ऑफिसर कन्हैयालाल, क्षय पर्यवेक्षक अटल बिहारी मीणा मौजूद थे।