बागरा. कस्बे में आज सुबह छह बजे से बिजली के गर्जन-तर्जन के साथ झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया। अलसवेरे शुरू हुई बारिश ने कस्बे में ठिठुरन बढ़ा दी, जिससे लोग अपने बिस्तरों में दुबके रहे।
बारिश के कारण लोगों के दैनिक कार्य प्रभावित हुए और गलियों में आवाजाही का असर कम देखने को मिला। इक्के-दुक्के लोग छाता लेकर डेयरी पर दूध का इंतजार करते नजर आए। आपको बता दें कि मौसम विज्ञान ने राज्य के कई हिस्सों में ओले गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में किसानों के लिए अच्छी और बुरी दोनों खबर है।
बारिश से जहां रबी की फसलों को फायदा होगा, वहीं ओलों से फसलें चौपट होने का खतरा भी है। आम लोगों के लिए राहत की बात है कि इसके बाद कड़ाके की ठंड का असर कम होने लगेगा। राजस्थान में शीत ऋतु में उत्तर-पश्चिमी चक्रवातों में होने वाले वर्षा को स्थानीय भाषा में ‘मावट‘ कहा जाता है। यह वर्षा गेहूं एवं अन्य शीतकालीन फसलों के लिए वरदान होती है। इसका संबंध माघ महीने से है।
भूमध्य सागर से लेकर भारत तक खाली मैदान और रेगिस्तान होने की वजह से हवा बिना किसी अवरोध के भारत तक पहुंचती हैं। इस हवा के कारण होने वाली बारिश ‘मावठ‘ कहलाती है।