आज शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने जा रही कैबिनेट बैठक में निजी एमएसएमई पार्क नीति के साथ साथ कुछ और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट की मीटिंग में निवेशकों को दस से पचास एकड़ जमीन पर निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उधोग पार्क विकसित करने के लिए एक फ़ीसदी वार्षिक ब्याज पर ऋण देने प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा निवेशकों को जमीन की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट भी मिल सकती है।
प्रस्ताव के अनुसार राज्य में कहीं भी 10 से लेकर 50 एकड़ तक की जमीन पर निजी एमएसएमई पार्क बनाने पर राज्य सरकार द्वारा निवेशक को डीएम सर्किल रेट के अनुसार जमीन की कुल कीमत का ऋण एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर पर उपलब्ध होगा। निवेशक को उपलब्ध ऋण की राशि अधिकतम 50 लाख रुपये प्रति एकड़ तक होगी। इसके आलावा निवेशक को जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी पर भी शत प्रतिशत छूट दी जाएगी। लेकिन निवेशक को ऋण लेने की तारीख से तीन वर्ष के भीतर एमएसएमई पार्क विकसित कर ऋण अदा करना होगा। अगर निवेशक अगले छह वर्ष में भी ऋण अदा नहीं कर पाया तो फिर उससे सात प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज वसूला जाएगा। निजी एमएसएमई पार्क नीति के आलावा आज होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में राज्य में मौजूद दो चीनी मिलों के ऋण के लिए एकमुश्त समाधान योजना भी लाई जा सकती है।
मीटिंग में कैबिनेट राज्य भर में मोटे अनाज के प्रचार, प्रसार और विस्तार देने से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दे सकती है। यह प्रस्ताव मोटे अनाज को प्राकृतिक खेती में जोड़ने के लिए तैयार किया गया है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही इस विषय में बात करते हुए बताते हैं की मोटे अनाज को बढ़ावा देने संबंधी विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया है।