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बागेश्वर बाबा के बारे बीजेपी के नेता का बड़ा हुआ वायरल, भक्तों में खुशी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश राजगढ़ के पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा ने बाबा बागेश्वर को समर्थन दिया है। मध्य प्रदेश के राजगढ़ से बीजेपी के पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा ने धीरेंद्र शास्त्री का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने हनुमानजी की शक्तियों की तुलना बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से की है उन्होंने कहा है कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के पास हनुमानजी को दी गई आठ शक्तियों में से एक शक्ति है।

हनुमान चालीसा का उदाहरण दिया

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राजगढ़ में मीडिया से बात करते हुए रघुनंदन शर्मा ने हनुमान चालीसा चौपाई का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा की चौपाई हैं, ‘अष्ट सिद्धि नाव निधि के दाता। असबर दिन जानकी माता।।’ यानी हनुमानजी को मां जानकी ने आठ शक्तियां दी थीं। ऐसी ही एक शक्ति अगर किसी के पास है तो वह हैं धीरेंद्र शास्त्री बाबा। यह आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में ऐसी शक्तियां कई लोगों के पास होती हैं जो लोग भारत के इतिहास को नहीं जानते हैं और जिनकी कोई धार्मिक पृष्ठभूमि नहीं है और जिन्हें आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है वे निश्चित रूप से ऐसी बातें कह सकते हैं। इसके बाद भी कई लोगों को यह शक्ति मिलेगी, क्योंकि यहां किसी को भी शक्ति मिल सकती है। आध्यात्मिक तपस्या के माध्यम से। यदि हम प्रयास करें तो वह शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह आश्चर्यजनक लगता है, कुछ लोगों को जादू लगता है। इसे केवल तपस्या और साधना से ही प्राप्त किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?

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बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित है। महाराज धीरेन्द्र शास्त्री ने यहाँ ‘दिव्या छमामी दरबार’ की स्थापना की। यहां वे दावा करते हैं कि वे आपके बारे में सब कुछ जानते हैं। वहां आने वाले लोग अपनी समस्या पर्ची में लिख देते हैं और धीरेंद्र शास्त्री बिना बताए उनकी समस्या पर्ची में लिख देते हैं।

कमेटी ने क्या आरोप लगाए?

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अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा, ‘दिव्य दरबार’ और ‘प्रतीक दरबार’ की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री ‘मैली विद्या’ को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर आम लोगों को लूटने, धोखा देने और उनका शोषण करने का भी आरोप लगाया। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने चुनौती भी दी। यदि वह उनके बीच दिव्य दरबार स्थापित करेंगे और चमत्कार करेंगे तो वो धीरेंद्र शास्त्री को 30 लाख रुपये देंगे। समिति का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री द्वारा ‘दिव्य दरबार’ के नाम से आयोजित बैठक दो कानूनों का उल्लंघन करती है। पहला महाराष्ट्र 2013 का एक जादू टोना विरोधी कानून है और दूसरा 1954 का ड्रग्स एंड रेमेडीज एक्ट है। हालांकि धीरेंद्र शास्त्री ने इन आरोपों पर दावा किया, वे कोई हठधर्मिता नहीं फैला रहे हैं या किसी की समस्या को दूर नहीं कर रहे है।

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