- विधानसभा में प्रश्नकाल में वन मंत्री हेमाराम ने दिया जवाब
जालोर. विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सवाल के जवाब में वन मंत्री हेमाराम चौधरी की ओर से दिए गए जवाब ने यह खुलासा किया है। कटारिया ने वन क्षेत्र व हरियाली घटने का सवाल रखा था, जिसके जवाब में हेमाराम चौधरी ने कहा कि पूर्व के सर्वे में अधिकारियों ने विलायती बबूल को भी शामिल कर दिया था और क्षेत्र को हराभरा बता दिया था, लेकिन जब दुबारा करवाये गए सर्वे में विलायती बबूल को सर्वे से परे रखा तो हरियाली का दायरा घट गया, जो चिंता बढ़ाने वाला है।
घटती हरियाली का दायरा देख कटारिया ने विधानसभा में सवाल पूछा था, इसके जवाब में वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि जालोर जिले में पूर्व में करवाये गए सर्वे में वन क्षेत्र के अलावा विलायती बबूल को भी सर्वे में शामिल बताते हुए जालोर को हराभरा बताने का प्रयास किया गया था, लेकिन दुबारा करवाये गए सर्वे में स्पष्ट किया कि विलायती बबूल को शामिल नहीं किया जा सकता, इस कारण दुबारा सर्वे रिपोर्ट में हरियाली का दायरा जालोर में घट गया। मंत्री ने जवाब में कहा कि अब इस मामले की पुनः गम्भीरता से जांच करवाएंगे।
विलायती बबूल से भूमि हो रही नष्ट
मंत्री चौधरी ने कहा कि विलायती बबूल बड़ी समस्या बना हुआ है। इसमें पूर्व में आमतौर पर हरियाली में शामिल कर लिया गया, लेकिन यह ठीक नहीं है। इस विलायती बबूल के कारण भूमि नष्ट हो रही है। इसलिए अन्य वनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
खर्च ज्यादा बढ़ोतरी कम
कटारिया ने विधानसभा में कहा कि वर्ष 2006 के बाद से अब तक राजस्थान में 1200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए गए, लेकिन वनों की हरियाली केवल 0.09 प्रतिशत ही हो पाई है। जो चिंतनीय है। इतना बड़ा खर्च करने के बाद भी हम कामयाब क्यों नहीं हो पा रहे है, इस पर गम्भीरता से विचार करने की जरूरत है।