वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कथित तौर पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण दिया था। जिस पर जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत उन पर अमेठी के मुसाफिरखाना थाना में केस दर्ज करवाया गया था। इस मामले में 9 जुलाई 2014 निचली अदालत में केस दर्ज हुआ था, जहाँ केजरीवाल ने निचली अदालत में उन्हें आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी। लेकिन निचल अदालत ने केजरीवाल की अर्जी को ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ जाकर सुल्तानपुर जिला सत्र अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की लेकिन केजरीवाल को वहां से भी राहत नहीं मिली।
दोनों अदालतों से आरोपमुक्त होने की अर्जी ख़ारिज हो जाने के बाद केजरीवाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी उन्हें आरोपमुक्त करने वाली याचिका खारिज कर दी है।न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि निचली अदालतों के दोनों आदेशों में कोई कमी या अवैधानिकता नहीं है। इसके बाद अपना फैसला सुना दिया।