उत्तर प्रदेश में पिछले लोकसभा परिणाम को देखते हुए कांग्रेस 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को विस्तार देने के लिए एक ख़ास रणनीति की तैयारी कर रही है। जिसके तहत पार्टी आने वाली 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू करने जा रही है। पार्टी का उद्देश्य अपने इस अभियान के साथ ही हर जिले में ‘खास वर्गों’ के सम्मेलनों पर भी ध्यान केंद्रित करना रहेगा। ख़ास वर्गों के सम्मेलनों में जहाँ एक तरफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी मुख्य भूमिका में होंगे, वहीँ दूसरी तरफ जिला और शहर इकाइयां उनका सहयोग करेंगी।
गौरतलब है की 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी तब की कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से ही जीत दर्ज कर पायी थी। इस को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के थिंक टैंक का मानना है की यदि पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपने पैर ज़माने हैं तो इसके लिए पार्टी को प्रदेश में अपने संगठन को फैलाना होगा। यही वजह है कि संगठन के विस्तार के लिए पार्टी जिलों में खास वर्गों के सम्मेलनों का आयोजन की रणनीति पर काम कर रही है, ताकि अपना पुख्ता आधार तैयार किया जा सके।पार्टी के रणनीति है के बीते तीन चुनावों में जिन सीटों पर कांग्रेस पहले या दूसरे स्थान पर रही थी, वहां इस तरह के सम्मेलनों का खास तौर पर आयोजन किया जाएगा। सभी प्रांतीय अध्यक्षों को भी इस बात का निर्देश दिया गया है की वे अपने प्रभार वाले जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए पूरा प्रयास करें।