रेप मामले में बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय को चुनौती देने वाली हुसैन की याचिका खारिज कर दी। शाहनवाज हुसैन पर 2018 में रेप का आरोप लगा था। इस मामले में निचली अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। जैसा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस आदेश को बरकरार रखा तो हुसैन ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले की ठीक से जांच होने दीजिए, अगर आप गलत नहीं हैं तो आप बच जाएंगे। यह बयान जस्टिस एस रवींद्र भट और दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने दिया।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2018 का है। उस वक्त दिल्ली में महिला से रेप मामले में बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोर्ट ने कार्रवाई की थी। महिला ने निचली अदालत से हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगाई थी। हुसैन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को मानने से इनकार कर दिया। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इस मुद्दे को लेकर हुसैन ने सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां भी उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
जून 2018 में एक महिला ने बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। महिला के मुताबिक, अप्रैल 2018 में हुसैन ने महिला को छतरपुर स्थित एक फार्महाउस पर बुलाया। जब वह नशे में हो गई तो उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने इस मामले में एफआईआर की मांग की है।
वकील ने बहस की
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने शाहनवाज हुसैन की ओर से दलीलें पेश कीं। रोहतगी ने बताया कि महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच की लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हुसैन के खिलाफ लगातार हमले किए जा रहे हैं। जिसके जवाब में SC की बेंच ने कहा कि हमें मामले में दखल देने का कोई कारण नजर नहीं आता।