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भागवत कथा महोत्सव
जालौर. ओमकार सेवा संस्थान चेरीटेब्ल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित सनातन धर्म यात्रा के तहत चल रहे भागवत कथा महोत्सव में शुक्रवार को कथा में संतोष सागर ने भगवान कृष्ण और बलराम के नामकरण की और पूतना वध की कथा सुनाई।
संतोष सागर महाराज ने जालंधरनाथ धर्मशाला में श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर बोलते हुए कहा कि घर में बच्चे का जन्म हो तो उसके कान में स्वस्तिवाचन करना चाहिए ,पितृ तर्पण करना चाहिए तथा गौ दान करना चाहिए। वे श्री कृष्ण प्रकट उत्सव के बाद भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का भावपूर्ण वर्णन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म होने पद ये तीन कार्य नंद बाबा ने किए। नंद बाबा ने 2 लाख गायों का दान किया। ब्रिज वासियों ने 6 माह तक नंदोत्सव मनाय। गोकुलग्राम की परिवार व्यवस्था का विस्तार से वर्णन करते हुए महाराज ने वर्तमान समय में भी परिवार व्यवस्था को उन मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया वर्तमान समय में रिश्तों में आ रहे बिखराव पर बोलते हुए कहा की संस्कार हीन युवा पीढ़ी माता पिता के खिलाफ जाकर विवाह कर रहे है जिसके कारण तलाक की घटनाएं बढ़ रही है। 40 साल पहले तलाक का नाम तक नहीं सुना था आज उस सनातन संस्कृति में ऐसी घटनाए हो रही है। श्रीमद्भागवत कथा में संतोष सागर ने आज भगवान कृष्ण और बलराम के नामकरण की और पूतना वध की कथा सुनाई। भगवान की सुंदर बाल लीलाओं का वर्णन किया।
इस अवसर पर सेवा निवृत डीईओ संतोष कुमार दवे, शिक्षाविद संदीप जोशी, सुरेंद्र नाग, पदमाराम चौधरी, नरपतसिंह राठौड़, मादा भारती समेत बड़ी संख्या में भक्त गण उपस्थित रहे।
विद्यार्थियों को दी एकाग्रता और आहार शुद्धि की सीख-
श्री सनातन धर्म यात्रा की 28 वें पड़ाव के तहत जालोर आए हुए भागवत कथाकार संतोष सागर जी आज प्रातः आदर्श विद्या मंदिर पहुंचे जहां कक्षा 9-12 के छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा की सर्वांगीण विकास के लिए अपनी आहार शुद्धि रखे। आहार केवल भोजन ही नहीं कान व आंख से लेने वाला भी आहार होता है। अच्छा खाने अच्छा देखने व सुनने से चित्त शुद्ध होता है और पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है।
यात्रा संयोजक शिव कुमार तिवाड़ी ने बोलते हुए कहा आत्मबल बढ़ाने के लिए अध्यात्म और अच्छा साहित्य श्रेष्ठ उन्होंने यात्रा का उद्देश्य एवं गीता का महत्व बताया। एस अवसर पर आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक के प्रधानाचार्य नितिन ठाकुर ने महाराज श्री का स्वागत शॉल ओढ़ाकर किया। प्रातः यजमान रामवतार तापड़िया व वेला राम माली ने विश्व कल्याण हेतु यज्ञ किया गया।