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भागवत कथा महोत्सव
जालौर. ओमकार सेवा संस्थान चेरीटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित सनातनधर्म यात्रा के 28 वें पड़ाव के तहत भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें गुरुवार को तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे।
कथा वाचन करते हुए संतोष सागर महाराज ने कहा की बच्चो को बाल्यकाल से ही अच्छे संस्कार दे उन्हें महापुरुषों के जीवन की कथा सुनाएं। ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा भागवत भगवान की कथा नहीं भक्तों की कथा है। राजा उततानपाद की 2 पत्नियां थी, सुरुचि और सुनीति। सुनीति ने अपने पुत्र ध्रुव को अच्छी नीति सिखाई भक्ति मार्ग पर डाला। 5 वर्ष की उम्र में ध्रुव ने भगवान की कठोर तपस्या कर भगवान को प्राप्त किया। महाराज ने बताया सु नीति से प्राप्त चीज मंगल करती है। पर रुचि से प्राप्त चीज दुख देती है। संतोष सागर ने कहा नित्य भगवान के भजन करने के लिए समय निकालो भगवान से प्रेम करो।
उन्होंने आज भगवान के ऋषिभ् अवतार की कथा सुनाई जो जैन धर्म के प्रथन तीर्थंकर हुए उनके पुत्र हुए राजा भारत जिनके नाम से हमारे देश का नाम भारत पड़ा। जड़ भरत संवाद का वर्णन किया गया नरको का वरण करते हुए कहा स्वर्ग और नरक इंसान के कर्मों का फल है पर वेकुंठ भगवान की भक्ति करने वालो को मिलता है।अजामिल उपाख्यान, दानवीर दधीचि ऋषि के दान व वृतासुर वध की कथा का वर्णन किया ,दक्ष प्रजाति व उनकी नवादा कन्याओं की कथा सुनाई गई। सती चरित्र भगवान शिव पार्वती विवाह का विस्तार से वर्णन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
विश्व कल्याण के लिए यज्ञ में दी आहुतियाँ….
भागवत कथा महोत्सव के तहत गुरुवार प्रातः विश्व कल्याण हेतु यज्ञ किया गया। जिसमें यजमान बेलारान माली, जय सिंह नारनाडी, गिरीश बंसल ने आहुतियां दी।