बिहार की राजधानी में क्लीनिक और अस्पतालों में इस सर्द मौसम में स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। इस तरह की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थितियों के पीछे मुख्य कारण बाहर के तापमान में कमी के साथ ब्लड प्रेशर में वृद्धि है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को अपने ब्लड प्रेशर का ध्यान रखने के लिए आगाह किया है।
जाने-माने चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में उनके पास आने वाले मरीजों में पांच से सात को हैमरेज, स्ट्रोक या हृदय की समस्याएं हैं। इनमें से दो को अस्पताल रेफर करना पड़ा। डॉ तेजस्वी ने कहा कि रोगियों को या तो मस्तिष्क में हैमरेज हुआ था जहां रक्तस्राव होता है या इस्किमिया जिसमें मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, मितली, सांस लेते समय आवाज़, आंखों के पीछे दर्द या चेहरे की मांसपेशियों में मरोड़ जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये चेतावनी के संकेत हैं।
एम्स-पटना में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के प्रमुख डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि उनके पास हर दिन दिल के दौरे के चार से पांच मामले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मौसम की स्थिति में परिधीय संवहनी रोगों में भी वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें हाथ, हथेलियों और पैर की उंगलियों का रंग नीला हो जाता है।
पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ मदन पाल सिंह ने कहा कि उन्हें अस्पताल में प्रति दिन ब्रेन हेमरेज और स्ट्रोक के 5 से 10 मामले मिल रहे थे और इसके लिए संवहनी संकुचन के कारण इस मौसम में हाई ब्लड प्रेशर को जिम्मेदार ठहराया। इन स्वास्थ्य मुद्दों के अलावा, उन्होंने कहा कि लोगों को छाती में संक्रमण, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और निमोनिया की गंभीर समस्या भी हो रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को अपने ब्लड प्रेशर के बारे में सतर्क रहने की चेतावनी दी और कहा कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को अपने डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए और दवा की खुराक में आवश्यक परिवर्तन करना चाहिए।