- कुटुंब प्रबोधन ने किया परिवार मिलन कार्यक्रम का आयोजन
- 17 जनवरी को जालोर में होगी श्रेष्ठ संतति प्रशिक्षण कार्यशाला
जालोर . श्रेष्ठ संतान ही परिवार और राष्ट्र की समृद्धि का आधार है। शिशु के जन्म से पूर्व उचित देखभाल और परिचर्य के आधार पर श्रेष्ठ संतान का निर्माण होता है। गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क एवं शरीर का विकास गर्भवती की भावनाएं, विचार, आहार एवं वातावरण पर निर्भर होता है ।
प्रत्येक गर्भवती स्त्री एक तेजस्वी और सर्वश्रेष्ठ शिशु को जन्म देकर अपना जन्म सार्थक कर सकती है पर अज्ञानतावश गर्भवती महिलाएँ , कुटुंब और समाज इस ओर अनदेखी कर रहे हैं। यह विचार कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के प्रांत संयोजक कैलाश जोशी ने जालौर में संपन्न कुटुंब मिलन कार्यक्रम में व्यक्त किए।
जिला संयोजक यशवंत संयोजक ने बताया कि आज नेमिषारण्य सभागार में कुटुंब मिलन रखा गया। जिसमे लगभग 50 दम्पतियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सभी सदस्यों ने अपने वक्तव्य में कहा कि श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति की आकांक्षा प्रत्येक माता पिता को होती है क्योंकि वे मरने के बाद भी अपनी संतान के रूप में जीवित रहते हैं। श्रेष्ठ संतान से ही वंश के यश और कीर्ति में वृद्धि होती है।
जालोर में होगी गर्भ संस्कार कार्यशाला
जिला सयोंजक यशवन्त शर्मा ने बताया कि कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के तहत जालोर जिले में गर्भ संस्कार विषय पर कार्यशाला का आयोजन तय किया गया है जिसमे नवदम्पति एवं भावी दम्पतियों का पंजीयन करके उन्हें कार्यशाला में आमंत्रित किया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला 17 जनवरी 2023 को सायं 4.30 से 8.30 बजे तक सम्पन्न होगी ।इस कार्यक्रम के विषय – वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संतानों का संस्कारी होना क्यों आवश्यक है, क्या वर्तमान में अभिमन्यु जैसे गर्भ में ही सीख कर आने वाली संतान संभव है , शारीरिक , बौद्धिक , मानसिक रूप से श्रेष्ठ एवं स्वस्थ स्वस्थ संतान कैसे हो , गर्भाधान संस्कार का महत्व क्या है , क्या मनोवांछित संस्कार एवं गुणों से युक्त संतान गर्भाधान संस्कार द्वारा प्राप्त कर सकते हैं , उपरोक्त प्रश्नों के समाधान हेतु श्रेष्ठ संतान – राष्ट्र कल्याण’ पर सदस्यों से विचार विमर्श करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने की योजना तैयार की।
आयोजन समिति का गठन
इस कार्यशाला के लिए डॉ कृष्ना अरोड़ा , बिना शर्मा , अलका गुप्ता , राधा मोर , प्रमिला शर्मा , इत्यादि मातृ शक्ति द्वारा एक आयोजन समिति का गठन किया गया । समग्र व्यवस्था निष्पादन हेतु बंशीलाल जी सोनी को प्रबंध सयोंजक , सोहन अग्रवाल और गोपाल स्वामी को सह सयोंजक का दायित्व दिया गया है ।
कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के प्रांत संयोजक कैलाश जोशी ने बताया कि इस राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में देश भर के चिंतक , विचारक , शिक्षाविद , आयुर्वेद मर्मज्ञ , संगीतज्ञ इत्यादि सम्मिलित रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य, गर्भावस्था में ही गर्भ में पल रहे शिशु को संस्कार देने संबंधी विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालना है। उन्होने बताया कि इस आयोजन में 18 वर्ष की आयु से लेकर सभी वर्ग की महिला पुरूष आमंत्रित है ।
इस अवसर पर जुगल मोर, बंसी लाल सेन, नरेंद्र अग्रवाल, अजय गुप्ता, मोतीलाल, नाथूराम भाटी, इंदर सिंह, शांतिलाल, नारायण लाल, दिनेश भट्ट, शिवकुमार सहित अनेक दंपति उपस्थित रहे।