कोटाएक घंटा पहले
बोर्ड बैठक में उठाया था मामला
कोटा नगर निगम दक्षिण में यूडी टैक्स वसूली का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। नगर निगम के सभी पार्षदों के साथ-साथ महापौर भी निजी फर्म द्वारा यूडी टैक्स वसूली का विरोध कर रहे हैं। लेकिन निगम के अधिकारी निजी फर्म से ही यूडी टैक्स वसूल करवाने को लेकर अड़े हुए हैं। महापौर ने कहा है कि अगर आयुक्त बोर्ड बैठक में पारित हुए प्रस्ताव को नहीं मानते तो मामले को लेकर यूडीएच मंत्री से चर्चा की जाएगी। पूरा विवाद नगर निगम की बोर्ड बैठक से शुरू हुआ। निर्दलीय पार्षद ओम गुंजल ने यह मामला उठाया था।
ओम गुंजल ने नगर निगम की बोर्ड बैठक में मामला उठाते हुए कहा था कि निजी फार्म टैक्स वसूली करेगी तो लोग परेशान होंगे और अराजकता की स्थिति बनेगी। उन्होंने कहा था कि निजी फर्म गलत तरीके से टैक्स वसूल करेगी। इसके बाद सभी पार्षदों ने इस बात का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित किया था कि यूडी टैक्स निजी फर्म की बजाय नगर निगम के कर्मचारी ही वसूल करेंगे। लेकिन बड़ी बात यह है कि बोर्ड बैठक से पहले ही निगम इसका ठेका दे चुकी थी। और बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद भी अब अधिकारी ठेका निरस्त नहीं कर रहे। निर्दलीय विधायक ओम गुंजल ने ठेका निरस्त नहीं होने की स्थिति में आमरण अनशन की चेतावनी दे रखी है।
वहीं अब महापौर राजीव अग्रवाल ने भी निजी फर्म से टैक्स वसूली को गलत बताते हुए विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जब बोर्ड बैठक में ही प्रस्ताव को पारित कर लिया गया है तो अधिकारी ठेका निरस्त करने की कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। सभी पार्षद ठेका निरस्त करने पर सहमत हैं।
आ रही है शिकायतें
मां को राजीव अग्रवाल ने बताया कि निजी कंपनी द्वारा वसूली में गलत तरीका अपनाया जा रहा है। कहीं रेजिडेंशियल को कमर्शियल बताकर बिलिंग की जा रही है तो कहीं ज्यादा टैक्स वसूल किया जा रहा है। टैक्स वसूली बिलिंग पर किसी अधिकारी के भी साइन नहीं हो रहे। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी पार्षदों की बात नहीं मानते तो सभी पार्षद सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
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