जालोर. जालोर जिले के बिशनगढ़ थाना क्षेत्र के उम्मेदबाद में आग से जलने से हुई मौत के बाद मंगलवार को आयुर्वेद डॉ मुरारी मीणा के शव का अवशेष परिजनों को सौंपा गया। डॉ मीणा के शव को लेने के लिए उनके बड़े भाई मोतीराम मीणा, उनका बेटा चेतन, कथित तौर पर उनकी दूसरी पत्नी आशा व बेटी देवयानी भी आई।
सुबह घटनास्थल का एसपी ज्ञानचन्द्र यादव ने भी जायजा लिया। दोपहर बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम प्रक्रिया अपनाकर शव परिजनों को सौंपा गया। मेडिकल बोर्ड ने नमूने भी लिए है। साथ ही शव की एफएसएल जांच भी की जाएगी। इस दौरान आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ दिनेश जोशी, डॉ राठी, बिशनगढ़ थानाधिकारी निम्बसिंह समेत कर्मचारी मौजूद रहे।

डेढ़ साल पहले बेटे से मिले थे डॉ मुरारी
डॉ मुरारी का शव लेने आए बड़े भाई मोतीराम ने बताया कि वे सेवानिवृत्त शिक्षक है। उनके पिता की मौत के बाद छोटे भाई को इन्होंने ही पढा लिखाकर डॉक्टर बनाया था। डॉ मुरारी की शादी रँगबाई से हुई थी, जिनसे एक बेटा है चेतन, जो सिविल बीटेक कर रहा है। पहली पत्नी को मुरारी इतना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने आशा नाम महिला से दूसरी शादी कर ली। उससे देवयानी नाम की बेटी है, जो दसवीं में पढ़ती है। डॉ मुरारी पहली पत्नी और बेटे से मुलाकात नहीं रखता था, उनके वेतन से केवल पैसे जमा होते थे। करीब डेढ़ साल पहले डॉ मुरारी की तबीयत खराब हुई उस समय बेटा चेतन मिला था, उसके बाद कोई मुलाकात नहीं हुई।
दबंग प्रवृति का रहा है डॉ मुरारी
जानकारी में सामने आया कि डॉ मुरारी दबंग प्रवृति का रहा है। भरतपुर में पोस्टिंग के दौरान एक विधायक को चांटा मार दिया था, जिसके बाद निलम्बित रहे और जालोर स्थानांतरण हो गया था। बाद में नशे की प्रवृति में इतना लिप्त हो गया था कि खुद का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। यहां ड्यूटी के दौरान भी इनके पास कोई दवाई लेने नहीं आता था। इसी आर्थिक तंगी के कारण हॉस्पिटल का विद्युत कनेक्शन भी काट दिया गया था।