जालोर. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नारणावास में पीईईओ केंद्र नारणावास से संबंधित विद्यालयों के एसएमसी व एसडीएमसी सदस्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण प्रभारी एवं प्रधानाचार्य रतन सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान दक्ष प्रशिक्षक पूरण सिंह व्याख्याता राउमावि जालोर ने संभागियों को प्रशिक्षण दिया।
प्रधानाचार्य रतन सिंह राठौड़ ने एसएमसी व एसडीएमसी सदस्यों के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता व विद्यालय अभिभावक सहसम्बन्धता के बारे में विचार व्यक्त किए ।दक्ष प्रशिक्षक पूरण सिंह ने विद्यालय की स्थिति पर चर्चा करते हुए एसएमसी व एसडीएमसी के कर्तव्य, भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम की जानकारी दी।शैक्षिक नामांकन ठहराव विद्यालय विकास व आय व्यय और खर्च, शैक्षिक गतिविधियों की समीक्षा में सदस्यों की भूमिका के बारे में जानकारी दी। साथ ही सदस्यों से एकता सहभागिता सहयोग संबंधित गतिविधियां करवायी।

रूप सिंह राठौड़ प्रधानाध्यापक ने कहा कि सामुदायिक सहभागिता के तहत शिक्षक के सतत मार्गदर्शन और अभिभावकों के सहयोग मिले तो बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। बालक बड़ा हो कर समाज में अच्छा नागरिक बनता है। इसलिए समय-समय पर राज्य सरकार सामुदायिक सहभागिता के लिए ऐसे प्रशिक्षणों का आयोजन करती हैं। ताकि विद्यार्थी विद्यालय और समुदाय के बीच में संवाद बना रहे।कांतिलाल भट्ट पंचायत शिक्षक ने प्रशिक्षण में व्यवस्थापक के दायित्व का निर्वहन किया।
इस अवसर पर नया नारणावास प्रधानाध्यापक रूप सिंह राठौड़ , धवला प्रधानाध्यापक मधु सूदन व्यास , लक्ष्मीदेवी राप्रावि के प्रधानाध्यापक करीम खान मेहर , धीरा राम देवासी, शैतान सिंह , माफी देवी ,वेला राम , नानू कुमारी, जुजा राम मेघवाल , लाखा राम गर्ग वदी देवी गोस्वामी, दिव्या देवी, पेपी देवी, छगनी देवी , अटिया देवी परसा राम , जशोदा देवी आदि मौजूद थे।