जालोर। भारतीय सेना दिवस पर स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोदरान स्टेशन पर छात्र-छात्रों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया और सेना दिवस पर देशभर में शहीद हुए उन शहीदों को स्थानीय विद्यालय में स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

डॉ रमेश चंद्र खोरवाल अतिरिक्त ब्लॉक जिला शिक्षा अधिकारी जालोर ने बताया कि नागरिकों और सेना के बीच एक विशेष संबंध स्थापित होता है।
सेना दिवस हमें सैनिकों के अनगिनत बलिदानों की याद दिलाता है। यह उत्सव का भी दिन है, जब हम अपने सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
2025 के सेना दिवस पर, आइए हम अपने सैनिकों के साथ खड़े हों और उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करें।
स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य जितेन्द्र सिंह चारण ने बताया कि साल 1949 में, जनरल के. एम. करियप्पा ने भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप में अपना पद ग्रहण किया था। यह एक ऐतिहासिक पल था। पहली बार भारतीय सेना की कमान एक भारतीय के हाथों में आई थी। ब्रिटिश राज के बाद, यह भारत के सैन्य इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस अवसर स्थानीय विद्यालय में भुतपुर्व सैनिक पिता पुत्र जयसिंह सादुलसिह राजपुरोहित व जबरसिंह जयसिंह राजपुरोहित के द्वारा सेना में रहकर देश सेवा की थी और उन्होंने माउंट एवरेस्ट की कॉमेट शिखर पर विजय प्राप्त किया था इस अवसर पर पूर्व सैनिक पिता पुत्र को याद कर श्रद्धा सुमन कर सभी छात्र छात्राओं ने पुष्पांजली अर्पित किया