जालोर. नई दिल्ली में व्यापारिक संगठन कैट का एक कार्यक्रम हुआ। जिसमें वर्ष 2025 को व्यापारिक स्वाभिमान वर्ष के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में कैट के जालोर जिला अध्यक्ष प्रवीण खण्डेलवाल, सचिव हंसमुख नागर व अशोक कुमार ने भी भाग लिया।
नई दिल्ली में राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कैट ने भारत में सोशल कॉमर्स के माध्यम से व्यापार को सशक्त बनाना’ पर एक सत्र आयोजित किया। सत्र में भारत के व्यापारियों को उनके डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित करने और ऑनलाइन घोटालों से निपटने के लिए उपकरणों से लैस करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
जैसे-जैसे साइबर खतरे बढ़ रहे हैं, कैट भारत के जीवंत व्यापार नेटवर्क के लिए एक सुरक्षित और अधिक लचीला व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए व्हाट्सएप बिजनेस और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ सहयोग करके डिजिटल सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देकर व्यापार समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कैट के मंच पर साथी व्यापारियों के साथ यह साझा किया कि कैसे तकनीक का सही उपयोग से व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। मेटा के फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म व्यापार के विस्तार, ग्राहकों से सीधा जुड़ाव और ब्रांड को मजबूत बनाने में बेहद प्रभावी हैं।
इस अवसर पर सांसद बांसुरी स्वराज की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया। उन्होंने व्यापारियों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में डिजिटल तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस दौरान, ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश लखयानी ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से व्यापारियों के सामने स्थिति को स्पष्ट रूप से समझाया कि यह बैठक व्यापारियों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। साइबर क्राइम एडवाइजरी डॉ रक्षित टण्डन ने साइबर सुरक्षा और साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने व्यापारियों को जागरूक करते हुए बताया कि कैसे डिजिटल फ्रॉड से बचा जा सकता है। व्यापारियों को सतर्क रहना और सही तकनीकी उपाय अपनाना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। यह सत्र साइबर अपराधों से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
व्यापारी स्वाभिमान वर्ष 2025 के तहत कैट की नेशनल गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में कैट की राष्ट्रीय सलाहकार स्मृति ईरानी के साथ व्यापारियों की भूमिका और उनके उत्थान के लिए महत्वपूर्ण चर्चा हुई। कैट के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बड़े पैमाने पर खुदरा विक्रेताओं के साथ एचयूएल के सीधे जुड़ाव और पारंपरिक वितरकों को दरकिनार करने की कड़ी आलोचना की। देश भर के व्यापार नेताओं ने इन प्रथाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की।