जालोर. कलेक्ट्रेट के सामने 19 नवम्बर से जारी भारतीय किसान संघ का महापड़ाव रविवार को स्थगित कर लिया गया है। स्थगित से पहले संघ के पदाधिकारियों की जल संसाधन विभाग जयपुर के मुख्य अभियंता, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग,आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, जिला कलेक्टर डॉ प्रदीप के.गवांडे के साथ जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। जिसमें मुख्य अभियंता ने सरकार की ओर से डीपीआर में जालोर का नाम जोड़ने और जवाई के पानी में जालोर की हिस्सेदारी को लेकर विस्तृत बात बताई।
जिसमें कहा गया कि जो 2280 करोड़ रुपये की जोधपुर-पाली के लिए योजना बनाई गई है, उसे रोक दिया गया है। उस योजना की पुनः समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा जवाई बांध के पानी नदी कैचमेंट में 8 एनीकट बने हुए है,उनमें करीब 500 एमसीएफटी पानी रहता है, उनके गेट लगाकर जरूरत पड़ने पर जवाई नदी में पानी छोड़ा जाएगा, जिससे नदी में बहाव हो सके। इसके अलावा डीपीआर का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। विस्तृत चर्चा होने के बाद पदाधिकारियों ने देर शाम को महापड़ाव स्थगित करने का निर्णय लिया है।
कुछ किसानों ने जताई असहमति
बैठक से लौटकर संघ के पदाधिकारियों ने किसानों के बीच इस बात को रखा तो कुछ किसानों ने असहमति जताते हुए विरोध जताया। यहां महापड़ाव में बैठे रूपराज पुरोहित, करणसिंह थांवला ने कहा कि एक तिहाई हक की बात थी,वो पूरी नहीं हो रही है। काफी देर तक महापड़ाव को जारी रखने या न रखने के निर्णय को लेकर किसानों के बहस भी हुई। बाद में एक पक्ष के किसान उठकर चले गए। देर शाम को भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर सरकार के निर्णय पर संतुष्टि जताते हुए फिलहाल धरने को स्थगित करने का निर्णय किया।
इनका कहना है…
मुख्य अभियंता के साथ बैठक हुई, बैठक में उन्होंने बताया कि डीपीआर में जोड़ने के साथ जालोर के लिए अच्छा कार्य होगा। जो बिंदु बताए हैं उससे हम काफी संतुष्ट है, इसलिए फिलहाल यह महापड़ाव स्थगित करने का निर्णय लिया है। कार्य शीघ्र शुरू नहीं करेंगे तो हम पुनः धरना दे देंगे।
– रतनसिंह कानीवाड़ा, अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, जालोर