- प्रस्ताव पर अभी किसान सहमत नहीं, मिलकर करेंगे निर्णय
जालोर. जिला मुख्यालय पर भारतीय किसान संघ के बैनर तले पिछले 25दिन से जवाई बांध के पानी पर हक तय करने सहित कई मांगों को लेकर चल रहे महापड़ाव पर शुक्रवार को सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग पहुँचे। उन्होंने किसानों से वार्ता करते हुए कहा कि में अब तक इसलिए धरना स्थल पर नहीं आया क्योंकि मेरे पास आपके लिए कुछ नहीं था और मैं खाली हाथ जाजम पर आना नहीं चाहता था, अब मैं सरकार का आदेश लेकर आया हूं जो जालोर को जवाई के पानी के लिए एक पहला कदम होगा और आने वाले समय में जवाई बांध भरेगा और जवाई नदी चलेगी। हालांकि उनकी बात पर किसान सहमत नहीं दिखे और किसानों के शनिवार को सभी संगठनों से वार्ता कर निर्णय लेने की बात कही। जानकारी के अनुसार किसान सरकार के इस पत्र से अभी खुश नहीं दिखे और जोगेश्वर गर्ग को धरना स्थल पर ही कई लोगों ने कहा कि नदी में पानी छोड़ने का हक तय करा लाओ पानी भले ही अगले साल छोड़ना। गर्ग ने कहा पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में 2018 में जवाई पुनर्भरण की योजना के लिए डीपीआर बन गई थी, लेकिन सरकार बदल गई तो कांग्रेस सरकार ने उसको खारिज कर दिया और गहलोत सरकार ने दूसरी स्कीम तैयार की उसमें जालोर का नाम ही नहीं था और उसके पोस्टर भी पाली जिले की सीमा तखतगढ़ तक लगाए गए थे उनका मकसद पाली जिले में राजनीतिक लाभ लेने का था लेकिन जालोर का नाम शामिल नहीं कर उन्होंने यह धोखा हमारे साथ गहलोत सरकार ने किया था। जालोर का कही जिक्र नहीं था लेकिन अब संशोधन कर दिया है नई डीपीआर बनेगी उसमें जालोर को लाभान्वित करने के लिए शामिल किया जाए। इस दौरान जिला कलेक्टर डॉ प्रदीप के गावंडे, एसपी ज्ञानचंद्र यादव , सहित किसान संघ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
यह आदेश जो मंत्री ने विभाग के सचिव को लिखा
उप मुख्यमंत्री (वित्त) ने परिवर्तित बजट 2024-25 में बजट भाषण दौरान बिन्दु सं. 113-1(3) पर माही एवं सोम नदी के मानसून अवधि का अधिशेष जल जयसंमद बांध सहित अन्य बांधों को भरते हुये जंवाई बांध तक लाने संबंधित कार्य हेतु डी.पी.आर बनवाने की घोषणा की गई है।
इस घोषणा की कियान्विति के कम में यह सुनिश्चित किया जावे कि डी.पी.आर में जालौर जिले का क्षेत्र भी लाभान्वित हो। इस हेतु तकनीकी प्रस्ताव तैयार करवाया जाना सुनिश्चित करें। हालांकि किसानों की मांग है कि जवाई बांध के भर जाने पर कुछ हिस्सा पानी नदी में छोड़ा जाए।
इनका कहना है…
सरकार की ओर से जो प्रस्ताव आया है उस पर सभी किसानों से विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा।
-रतनसिंह, जिलाध्यक्ष भाकिसं