- जवाई के पानी के लिए बंद रहा जालोर, महापड़ाव में भारी संख्या में उमड़े किसान, ट्रैक्टरों से रास्ते किए अवरुद्ध, स्कूली बच्चे हुए परेशान
- कलेक्ट्रेट के सामने किसानों ने किया प्रदर्शन
- विधायक जोगेश्वर गर्ग का भी किया घेराव
जालोर. जवाई बांध के पानी में जालोर जिले का एक तिहाई हिस्सा तय करने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में चल रहे किसान महापड़ाव के समर्थन में बुधवार को जालोर स्वेच्छिक बंद रहा। बंद में विभिन्न संगठनों ने सहयोग किया।
बुधवार को आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जिला मुख्यालय पर पहुंच गए। कई रास्तों को ट्रैक्टर खड़े कर अवरुद्ध किया गया, जिस कारण छुट्टी के समय स्कूली बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ी। किसानों ने विधायक आवास व कलेक्ट्रेट का घेराव भी किया। शाम के समय गांवों से आए काफी किसान वापस लौट गए।
अलसुबह पहुंच गए थे किसान
महापड़ाव में भाग लेने के लिए दूर दराज के गांवों से किसान ट्रेक्टर ट्रॉली लेकर अलसुबह ही जिला मुख्यालय पर पहुंचे गए थे, कुछ किसानों ने तो अस्पताल चौराहा के पास टायर जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त कर दिया। करीब दस बजे तो बड़ी संख्या में किसान आ चुके थे। किसानों ने वन-वे, आहोर रोड, समेत अलग अलग स्थानों पर ट्रेक्टर खड़े कर रास्ते अवरुद्ध कर दिए थे। किसानों के समर्थन में जालोर का बाजार भी बंद रहा। व्यापारियों समेत विभिन्न संगठनों, शिवसेना यूबीटी, अभिभाषक संघ समेत संगठनों ने किसानों के समर्थन में कामकाज बंद रखा।
गर्ग के घर का किया घेराव
बड़ी संख्या में उमड़े किसानों में काफी युवा भी शामिल थे, युवाओं का समूह आहोर चौराहे पर रास्ता अवरुद्ध करके सीधा जालोर विधायक व मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के घर का घेराव करने पहुंच गया। जहां मुर्दाबाद के नारे लगाए, इसी दौरान पुलिस उपाधीक्षक गौतम जैन, कोतवाल जसवंतसिंह समेत पुलिस जाब्ता पहुंच गया, पुलिस ने वहां समझाइश करके किसानों को वापस भेजा। इस दौरान कई युवाओं ने पोलजी नगर के रास्तों पर कांटे डालकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया।
दोपहर को कलेक्ट्रेट के सामने हुई जोर आजमाइश
दोपहर को कुछ किसान बैठे रहे, वहीं कुछ किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने जोर आजमाइश की। किसानों ने बेरिकेड्स तोड़कर कलेक्ट्रेट में प्रवेश का प्रयास किया, लेकिन एएसपी मोटाराम गोदारा, डीएसपी व अन्य थानों की बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया। काफी देर तक जोर आजमाइश के बाद किसान शांत हुए। बाद में देर शाम को काफी किसान गांवों की ओर वापस लौट गए।
मांगें नहीं मानी तो आरपार का होगा आंदोलन
महापड़ाव में अध्यक्ष रतनसिंह, खीमसिंह, शिवसेना के रूपराज समेत गांवों से आये किसानों ने सरकार को चेताया कि इस बार हमारी मांग पर विचार नहीं किया तो आरपार का आंदोलन होगा। किसान नेता विक्रमसिंह बादनवाड़ी ने कहा कि सुनवाई नहीं हुई तो जरूरत पड़ने पर रेल को भी किसान रोक देंगे। वहीं चक्रवर्तीसिंह ने कहा कि अमित शाह ने सायला में झूठा वादा करके गुमराह किया, अगर सच है तो वादा निभाना चाहिए। लालसिंह राजपुरोहित ने कहा कि जवाई बांध पर जालोर का हक है, यह अधिकार हमें चाहिए। दोनों स्तर पर एक ही दल की सरकार है, निर्णय करने में क्या दिक्कत है।