- भालनी निवासी है हीरा देवासी
दिलीप डूडी, जालोर. देश में लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी अब भी चुनाव के दौरान कई जगहों पर वरिष्ठ नेताओं को खुश करने के लिए औपचारिकता पूरी करते हुए उन लोगों को टिकट जारी कर देती है, जो क्षेत्र में ज्यादा वजूद भी नहीं रखते। ऐसी ही औपचारिकता एक बार फिर इस बार महाराष्ट्र चुनाव में भी निभाई गई। जालोर जिले के भीनमाल क्षेत्र के भालनी निवासी हीरा देवासी को मुंबई की कोलाबा सीट से प्रत्याशी बनाया गया, देवासी को जितने वोट मिले, उससे अधिक वोटों से भाजपा के उम्मीदवार की जीत हुई है। अब हीरा देवासी हार होने के बाद नौसिखिया हरकत करते हुए इस हार का दोषी रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी को बता रहे है। साथ ही सोशल मीडिया पर स्वयं का एक वीडियो जारी कर जालोर की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है कि रतन देवासी ने वोटों में मदद नहीं कर उन्हें हराने का प्रयास किया है।
इस बात में कितनी सच्चाई है ये वो दोनों ही जान सकते है, लेकिन क्या रतन देवासी इतना वजूद रखते है कि वे मुंबई में किसी प्रत्याशी की हार जीत तय कर सके, यह समझ से परे हैं। क्योंकि रतन देवासी तो खुद अपने क्षेत्र रानीवाड़ा में भी दो बार जीत नहीं पाए थे और इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की भीतरघात, सहानुभूति व अन्य समीकरणों से भले जीत गए हो, लेकिन सीधे मुकाबले में आज भी इनका मुकाबला आसान नहीं कहा जा सकता, ऐसे में हीरा देवासी की ओर से लगाये गए दोष न केवल नौसिखिया हरकत बल्कि किसी अन्य के इशारे पर दिए गए बयान जाहिर हो रहे हैं।
व्यवसायिक राजनीति में जीतना कठिन
हीरा देवासी मुंबई में लंबे समय से व्यवसायी है, समय समय पर राजस्थान भी आते है। इस कारण राजस्थान कांग्रेस में भी एक गुट के खास रहे है। जब चुनाव की तारीख नजदीक आती है तो उम्मीदवारी का प्रयास करते है। मुंबई में रहने के बावजूद दो बार विधानसभा चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सहारा लेना पड़ा है। गहलोत ने भी दो बार पैरवी कर टिकट दिला दी, लेकिन देवासी जीतने में सफल नहीं हो पाए। पिछली बार मंगल प्रभात के सामने बुरी हार झेलनी पड़ी। वहीं इस बार सीट बदलकर कोलाबा से चुनाव लड़ा, लेकिन यहां भी भाजपा के राहुल सुरेश से 48 हजार 581 वोट से हार झेलनी पड़ी। हीरा देवासी को केवल 32 हजार 405 वोट ही मिले। अब हार के बाद हीरा देवासी ने वीडियो जारी कर कहा कि रतन देवासी ने उन्हें हरा दिया, मतों के आंकड़ों से तो लगता है कि इतने वोट रानीवाड़ा में दो बार हारने वाला नेता कैसे प्रभावित कर सकता है।
नया नेता पैदा नहीं होने देने का आरोप
हीरा देवासी ने रतन देवासी पर आरोप लगाते हुए कहा कि रतन देवासी समाज में नया नेता पैदा नहीं होने देना चाहते। इसलिए वो हरा देते है। असल बात बो यह है कि चुनाव के समय एक्टिव होने वाले जननेता नहीं बनते। जननेता बनने के लिए हर दिन जनता की समस्याओं को सुनना पड़ता है, इस पर हीरा देवासी कितना खरा उतरते है वो चुनाव के परिणाम बता ही रहे हैं।