- गुत्थी सुलझाने का प्रयास
दिलीप डूडी, जालोर. जालोर जिले के बिशनगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत मूडी के बालक भगवतसिंह राजपुरोहित की मौत की सच्चाई सामने के लिए पुलिस अब एक संदिग्ध आरोपी का नार्को टेस्ट करवाने की तैयारी में जुटी है। घटना को करीब एक वर्ष बीत गया, लेकिन खुलासा नहीं हुआ। अब गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अब यह कदम उठाने जा रही है।
पहले पुलिस ने मानी आत्महत्या
जानकारी के मुताबिक मूडी गांव में 17 नवम्बर 2023 को सुबह करीब साढ़े दस बजे पांच वर्षीय बालक भगवतसिंह राजपुरोहित गायब हो गया था। उसी दिन देर शाम को गांव के एक मंदिर परिसर में बनी बेरी में मृत अवस्था में मिला था। पुलिस ने प्रारंभिक रूप से इसे आत्महत्या मान लिया, लेकिन परिजनों इसे हत्या मानते हुए पुलिस से फरियाद की कि इसकी उचित जांच की जाय। जिस पर पुलिस ने बाद में मामले की जांच बिशनगढ़ थाने से बदलकर कोतवाली को सौंप दी थी।
परिजनों की ओर से जो तथ्य बताए जा रहे है, वो बेहद चौंकाने वाले है। परिजनों का मानना है कि उन तथ्यों के आधार पर ठोस पूछताछ की जाए तो सुराग मिल सकता है। इस सम्बंध में पुलिस ने कई नजदीकी लोगों से भी पूछताछ की थी।
आइए जानते है क्या हुई थी घटना
दरअसल, मूडी गांव में सूरजमल राजपुरोहित के भाई का निधन हो गया था। उनके बारहवें का दिन था। सूरजमल का एक बेटा विक्रमसिंह जो बड़गांव रहता है, वो परिवार सहित यहां आया हुआ था। विक्रमसिंह का पांच वर्षीय बेटा भगवतसिंह 17 नवम्बर सुबह करीब साढ़े दस बजे अचानक गायब हो जाता है, कुछ ही देर बाद उसकी तलाश शुरू की जाती है, लेकिन कहीं नहीं मिलता है। देर शाम को तलाश के दौरान गांव से कुछ दूरी पर स्थित एक मंदिर परिसर में बनी बेरी में वह बालक की मृत अवस्था में पड़ा मिलता है। गांव में सनसनी फैल जाती है, पुलिस मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लेती है और बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर आत्महत्या दर्ज कर लेती है। परिजन उसी दिन से इस मामले में संदेह जाहिर कर रहे है, जिस कारण पुलिस ने इसकी गम्भीरता से जांच की तो सामने जो सुराग मिले है वो आत्महत्या के नहीं है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले की सच्चाई जानने के लिए संदिध का नार्को टेस्ट करवाने की तैयारी की जा रही है, ताकि उक्त संदिग्ध झूठ बोल रहा है या सच, इसका खुलासा हो सके।