जालोर. वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान सायला में हुई सभा में भाजपा नेता अमित शाह ने चुनावी जुमला फेंकते हुए जालोर के किसानों से वादा किया था कि तुम भाजपा को जीता दो हम गुजरात की तर्ज पर जवाई नदी को पुनर्जीवित कर देंगे, उस बात को कहे एक साल बीतने को आया है। प्रदेश और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है, लेकिन जवाई के पानी पर जालोर का हक तय करने को लेकर कोई विचार सरकार ने मन में नहीं लाया। इसे देखते हुए अब भारतीय किसान संघ ने शाह का वादा सरकार को याद दिलाने के लिए जालोर कलेक्ट्रेट के बाहर मंगलवार से महापड़ाव शुरू किया है। किसानों ने जवाई बांध के पानी पर जालोर जिले का हक तय करने की मांग को लेकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा है।
जिला मुख्यालय पर मंगलवार से भारतीय किसान संघ के बैनर तले जवाई बांध से जालोर के लिए पानी का हक तय करने, बीमा क्लेम दिलाने सहित कई मांगो को लेकर किसानों ने महापड़ाव डाला। इस दौरान कई वक्ताओं ने संबोधित किया। धरने में बड़ी संख्या में किसान जुटे। इधर किसानों के महापड़ाव को देखते हुए पुलिस व्यवस्था पुख्ता रही। करीब 5 बजे किसान प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि जवाई बांध बनने के बाद जवाई नदी में पानी का प्रवाह बंद हो गया, जिससे गांव में कुओं का जलस्तर नीचे चला गया, पानी की गुणवत्ता भी खराब हो गई बांध का एक तिहाई हिस्सा भू-रिचार्ज के लिए नदी में छोड़ जाए ताकि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा एवं पानी की गुणवत्ता भी बढ़ेगी साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जवाई नदी के कैचमेंट एरिया में कई छोटे बांध बनाए गए हैं जिनके गेट भी नहीं है जिससे पानी का वाष्पीकरण होकर बर्बाद हो रहा है, नर्मदा के अधिशेष एवं वर्षा जल का अधिशेष पानी से भू रिचार्ज के लिए योजना बनाई जाए जल नीति 2010 को लागू किया जाए।
बकाया क्लेम निस्तारण करने की मांग
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीद 2023 की कंपनी के द्वारा 61 पटवार मंडलों के बीच अपील की गई है यह अपील आधारहीन तथ्यों पर है अतः इसको तुरंत प्रभाव से खारिज किया जाए किसानों को पुराने बीमा क्लेम अभी तक बकाया है उसका भी निस्तारण करवाया जाए फसल कटाई में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रयोग में सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है सभी स्तर पर वीडियोग्राफी करनी है इस गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ है उन जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। इधर महापडाव को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जवाई बांध पर जालोर का हक अब तय किया जाए क्योंकि जवाई बांध ओवरफ्लो होता है तो बाढ़ को झेलने के लिए जालोर और बाकी पानी पाली और जोधपुर को यह रवैया अब सहन नहीं होगा। वक्ताओं ने कहा कि अब मूर्ख नहीं बनेंगे और अपना हक लेकर रहेंगे।
ट्रैक्टर ट्रॉली सड़क पर खड़े कर रास्ता जाम किया
महापड़ाव में शामिल होने आए किसानों ने अपने अपने वाहन ट्रैक्टर ट्राली नगर परिषद के सामने सड़क पर छोड़ दिए जिससे रास्ता अवरुद्ध रहा और दूसरे वाहनों की आवाजाही में समस्या पैदा हुई, हालांकि कुछ देर बाद पुलिस की समझाइश पर किसान माने और अपने ट्रैक्टर वहाँ से हटाकर एक साइड में लगा दिए जिससे रास्ता खुल गया।
सभा स्थल पर ही बनाई लापसी
महापड़ाव में शामिल होने आए किसानों के लिए किसान संघ ने धरना स्थल पर ही खाना और लापसी बनाई। महापडाव के बाद किसानों ने लापसी खाई और बड़ी संख्या में रात टेंट में गुजारी। संघ के जिलाध्यक्ष रतनसिंह कानीवाड़ा ने कहा कि यह महापड़ाव सरकार के स्तर पर बातचीत होने तक जारी रहेगी।
इधर, आहोर विधायक राजपुरोहित जवाई जलनीति को लेकर जल संसाधन मंत्री रावत से मिले
इधर, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने मंगलवार को जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से मिले और पत्र के माध्यम से जवाई बांध से जवाई नदी के लिए जल नीति बदलकर हक निर्धारित करने को लेकर मंत्री रावत से विस्तृत चर्चा की एवं विधायक राजपुरोहित ने मंत्री रावत को बताया कि जैसा कि लंबे समय से आपको एवं पूर्ववर्ती सरकारों से लगातार मांग के अनुसार जवाई नदी के किनारे बसे गांवों के किसानों के पेयजल एवं सिंचाई का जल स्रोत नदी किनारों पर बने कुएं, ट्यूबवेल से है लेकिन जैसे ही जवाई बांध बनने के बाद जवाई नदी में पानी आना बंद होने की वजह से जल स्तर गिरता गया जिसकी वजह से आज इस नदी के प्रवाहित क्षेत्र में स्थिति भयावह हो गई है और विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि इस विषय को संज्ञान में लेकर व किसानों (भारतीय किसान संघ) की मांग अनुसार जवाई बांध के पानी का कुछ हिस्सा जवाई नदी के लिए निर्धारित किया जाए साथ विधायक राजपुरोहित ने किसानों का जालोर मुख्यालय पर शुरू महापड़ाव के बारे मे भी अगवत कराते हुए किसानों के हित में जल संसाधन मंत्री रावत से चर्चा की।
किसानों के धरने के समर्थन में आहोर में अधिवक्ताओं ने बंद रखा न्यायिक कार्य
जवाई बांध के पानी में जिलेवासियों का हक निर्धारित करने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा जिला मुख्यालय पर किए जा रहे धरना प्रदर्शन के समर्थन में अभिभाषक संघ आहोर द्वारा मंगलवार को न्यायालयों में उपस्थिति नहीं दी।
अभिभाषक संघ आहोर के सचिव अल्लाह बख्श खान ने बताया कि किसानों की वाजिब मांगों के समर्थन में अभिभाषक संघ आहोर के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को समस्त न्यायालयों में अनुपस्थित रहकर समर्थन जताया। इस दौरान फौजदारी, सिविल एवं राजस्व मामलों की सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया। अभिभाषक संघ अध्यक्ष मांगीलाल चौधरी ने बताया कि बांध निर्माण के सात दशक बाद भी जालोर जिले का जवाई बांध के पानी में हक निर्धारित नहीं हो पाया है। जबकि अतिवृष्टि के दौरान जिलेवासियों को त्रासदी झेलनी पड़ती है। किसान संगठनों की ओर से जिले वासियों की उचित मांगों को लेकर जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। जिसके लिए आहोर उपखंड मुख्यालय पर कार्यरत सभी अधिवक्ताओं ने समर्थन दिया है।