- रेवतड़ा के एक खेत में खुदाई कर लिए जा रहे हैं नमूने
- तीस किलोमीटर के राउंडअप में 12 स्थानों से नमूने लेने की तैयारी
दिलीप डूडी, जालोर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की ओर से जालोर जिले में खनिज की खोज को लेकर खुदाई शुरू की गई है। सबसे पहले यह कार्य जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर रेवतड़ा के एक निजी खेत में शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष हवाई सर्वेक्षण में अलग अलग ब्लॉक्स के स्थान चयन किये गए थे, अब उन स्थानों पर खुदाई कर मिट्टी के नमूने लिए जा रहे है, उसके बाद इन नमूनों की जांच प्रयोगशाला में कर खनिज या धातु का पता लगाया जा सकेगा। इस कार्य में काफी समय लगने की संभावना भी जताई जा रही है।
एक स्थान पर लगेगा करीब डेढ़ महीना
रेवतड़ा के एक निजी खेत में पिछले सप्ताह एक मशीन खुदाई के लिए लगाई गई है। मशीन पर काम करने वाले विशेषज्ञ के मुताबिक एक स्थान पर करीब 320 मीटर की खुदाई की जाएगी। हर तीन मीटर की खुदाई पर एक नमूना लिया जा रहा है। इन नमूनों को एकत्रित कर जीएसआई को भेजा जाएगा। रेवतड़ा में इस स्थान पर मंगलवार तक करीब 48 फीट खुदाई की जा चुकी थी। उन्होंने बताया कि एक स्थान को पूरा करने के लिए करीब डेढ़ महीने का समय लगेगा।
हर तीस किलोमीटर के राउंडअप दायरे में लिए जाएंगे नमूने
जानकारी के मुताबिक इससे पहले हवाई सर्वेक्षण कर अनुमानित स्थान तय किये गए थे। उसके बाद खनिज धातु की संभावनाओं को देखते हुए नमूने लेने का कार्य शुरू किया। बताया जा रहा है कि हर तीस किलोमीटर क्षेत्र के राउंडअप दायरे में नमूने लिए जाएंगे। इस प्रकार से जालोर जिले में 12 स्थानों पर खुदाई कर नमूनों को एकत्रित किया जाएगा। उसके बाद इनकी जांच से ही पता चलेगा कि किस स्थान पर किस प्रकार के धातु की उपलब्धता हो सकती है।
विशेष खनिज मिलने की है संभावनाएं
जालोर की धरती ग्रेनाइट के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां कोई विशेष सर्वे नहीं हुआ। अब जमीनों की खुदाई कर नमूने लिए जा रहे है। पड़ोसी जिले में बाड़मेर में इससे पहले कई प्रकार की गैस व अन्य धातु मिल चुके है। ऐसे में जालोर क्षेत्र में भी विशेष खनिज मिलने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है।