जालोर। बूंदी स्थित महाराजा सूरजमल की प्राचीन छतरी को अपमानजनक तरीक़े से तोड़ने के विरुद्ध आहोर उपखंड कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
बूंदी के हाड़ा वंश के पूर्व शासक महाराजा सूरजमल की 600 वर्ष पुरानी छतरी को कोटा विकास प्राधिकरण के कार्मिकों द्वारा स्थानीय निवासियों को विश्वास में लिए बिना प्राचीन धरोहरों को विस्थापित करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करते हुए अपमानजनक तरीके से जेसीबी चलाकर तहस नहस कर दिया गया है जो हमारे प्रदेश की उन्नत ऐतिहासिक धरोहर के प्रति केडीए प्रशासन की आपराधिक मानसिकता का परिचायक है। कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों को निलंबित करने एवं छतरी निर्माण के लिए अन्यत्र भूमि उपलब्ध करवाने की बात कर इस अपराध की गंभीरता पर लीपापोती की जा रही है।
इसे लेकर संपूर्ण राजस्थान के राजपूत समाज सहित सभी समाजों में आक्रोश है। इतिहास से हमारा रागात्मक संबंध है, उसका तो संरक्षण होना चाहिए। इसके विपरित ऐसे ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को तोड़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस विषय के संबंध में श्री क्षत्रिय युवक संघ के आनुषंगिक संगठन श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के तत्वावधान में प्रदेश में तहसील, उपखंड और जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जा रहे है। इसी कड़ी में बुधवार को उपखण्ड अधिकारी आहोर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। जिसमे प्रह्लाद सिंह रामा (पूर्व ज़िला परिषद सदस्य) , मनोहर सिंह एडवोकेट , परबत सिंह पाँचोटा , भरत सिंह मण्डला, उम्मेद सिंह ऊण, राण सिंह सराना, हिंदू सिंह भाटा, जेठू सिंह सापनी, जेठू सिंह मिठड़ी, डूँगर सिंह वागुंदा,इंद्र सिंह बोकड़ा, बाबू सिंह देवकी , दलपत सिंह नारनावास, सुखदेव सिंह आहोर , खुमान सिंह दूदिया, महावीर सिंह देसू , विक्रम सिंह राजपुरोहित देवकी उपस्थिति।