जालोर. जालोर शहर में एक निजी होटल के समीप ईदगाह के पास से गुजर रहे रास्ते को स्वतंत्र करने की मांग को लेकर शुक्रवार दोपहर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। इस भीड़ में से कुछ युवकों ने रास्ते के द्वार पर लगे बोर्ड पर पत्थर फेंके, जिसमें एक पत्थर बोर्ड से टकराकर कांस्टेबल सुनील कुमार के सिर पर लगा, जिससे सिपाही का सिर फूट गया।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तत्काल प्रभाव से बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। बाद में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल व तहसीलदार की ओर से आगामी दिनों में इस सम्बंध में होने वाली सुनवाई के बाद आवश्यक कार्यवाही का भरोसा दिया, जिसके बाद भीड़ छंट गई। हालांकि विवाद की आशंका को देखते हुए देर शाम तक जाब्ता तैनात था।
कलेक्ट्रेट से सीधी भीड़ पहुंची रास्ते के द्वार पर
दरअसल, बांगलादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध हिन्दू समाज ने शुक्रवार को बाजार बंद रखकर प्रदर्शन किया, इसमें जो भीड़ एकत्रित हुई थी, उसमें से काफी लोग कलेक्ट्रेट से सीधे इस रास्ते की मांग को लेकर इस स्थान पर पहुंच गए थे। पुलिस को भनक लगी तो सांसें फूल गई। यहाँ समझाइश के दौरान जालोर-बिशनगढ़ हाइवे करीब एक घण्टे तक जाम रहा। बाद में समझाइश के दौरान अचानक तेज बारिश आने के कारण भीड़ भी जल्दी ही छंट गई। तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली। उधर, शिवसेना (यूबीटी) के जिला प्रमुख रूपराज राजपुरोहित ने कहा कि 15 अगस्त 2024 को सुन्देलाव तालाब के हनुमान मन्दिर में आक्रोश रैली के संबंध में मीटिंग रखी गयी थी, उसमें शिवसेना भी शामिल थी। उसमें एजेन्डा सिर्फ बाग्लादेश में हिन्दुओं की हत्या के विरोध की आक्रोश रैली का ही था, लेकिन आक्रोश रैली का ज्ञापन देने के बाद कुछ लोग आकर जालोर के ईदगाह की तरफ गये, जो कि यह उस एजेण्डा के कार्यक्रम में नहीं था, वहां पर कुछ सामाजिक भाईचारा बिगाड़ने वाले लोग भी थे, जिन्होंने ईदगाह के बोर्ड पर पत्थर फेंके उसमें से एक पत्थर वहां पुलिस कर्मचारी के सिर पर लगा व उनका सिर फूट गया। शिवसेना इस घटना की निंदा करती है।