जालोर. करीब दो साल पहले आकोली में बजरी खनन मामले को लेकर आंदोलन करने वाले किसानों पर दर्ज मामलों की पुनः जांच करवाई जाएगी। आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को सदन में विधानसभा नियम 131 के अंतर्गत विषय रखा कि आकोली नदी में बजरी खनन ठेकेदार एवं बजरी तस्करों की मिली भगत से किये जा रहे नियम विरूद्ध बजरी खनन के खिलाफ किसानों द्वारा किये गये आन्दोलन के दौरान तत्कालीन बागरा थानेदार द्वारा बिना किसी औचित्य के खनन विभाग, बजरी ठेकेदार व माफियों से मिली भगत करके आन्दोलन कर्ता किसानों को डराने के लिए निर्दोष किसानों की लाठियों से पिटाई की गई।
पीड़ित किसानों ने उस दिन 15 जून 2022 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जालोर के सामने एफ.आई.आर. प्रस्तुत की, लेकिन किसानों की एफ.आई.आर दर्ज नहीं की गई उल्टे थानाधिकारी बागरा द्वारा अपने बचाव के लिए रात में पीड़ित किसानों के विरूद्ध झूठी एफ.आई.आर. दर्ज की गई एवं किसानों की एफ.आई.आर. पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं, इसलिए किसानों को उचित न्याय दिलाने हेतु किसानों द्वारा पुलिस अधीक्षक जालोर को दी गई रिपोर्ट को संज्ञान में लाकर एफ.आई.आर. दर्ज की जाये और बागरा थानाधिकारी द्वारा दर्ज झुठी एफ.आई.आर, नम्बर 101/2022 की पुनः जांच निष्पक्ष अधिकारी से करवाकर पीड़ित किसानों को न्याय प्रदान कराने एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का अनुरोध किया। इस पर सरकार की ओर से मंत्री गजेंद्रसिंह ने आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस मामले की पुनः जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी एवं पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं उस अधिकारियों को भी बक्सा नहीं जाएगा एवं आवश्यक कार्यवाही होगी।