जालोर. केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश किया है। बजट को लेकर भाजपाइयों ने इसे विकास की सौगात बताया है, वहीं कांग्रेस ने फिर से आमजन को निराश करने वाला बजट बताया है।
प्राकृतिक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन – पटेल
जालोर के पूर्व सांसद देवजी पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा प्रस्तुत बजट स्वागत योग्य है। यह बजट आर्थिक विकास, सामाजिक सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। पटेल ने बताया कि कृषि और ग्रामीण विकास के तहत 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन और 109 नई फसल किस्में, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी तथा शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार योजनाएं, 1 करोड़ छात्रों को ई-वाउचर, जिससे शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसी प्रकार आवास योजना के तहत 3 करोड़ नए घरों का निर्माण, जिससे हर परिवार को सुरक्षित आवास मिलेगा। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाओं के लिए विशेष फंडिंग, जिससे जल संकट का समाधान होगा।उन्होंने बताया कि डिजिटल और स्टार्टअप्स: नवाचार और आरएंडडी में बढ़ावा, जिससे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उत्साहवर्धक है केंद्रीय बजट – राव
भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव ने कहा कि यह बजट विकास की सौगातों से परिपूर्ण है। बजट की सराहना करते हुए कहा कि इस बजट में सभी क्षेत्रों के विकास आयामों को सम्मिलित किया है। यह बजट सर्वागिण विकास के पर्याय को सिद्ध करता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के नवीन सत्र का यह पहला बजट उत्साहवर्धक है। इस बजट में युवाओं को रोजगार, स्टार्टअप को बढ़ावा, सड़क तंत्र को विकसित करना, ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार, प्रधानमंत्री आवास योजना, छोटे कारोबारियों को सुविधा, ऋण तथा टैक्स संबंधित सुधार सहित किसानों व आमजन के लिए लाभ से परिपूर्ण और जन हितेषी बजट है। यह बजट विकास और विरासत ध्येय पर विकसित भारत की संकल्पना को साकार करता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा की भांति सभी पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए इस बजट की सरंचना तैयार की है। यह बजट विकसित भारत की संकल्पना के साथ सुदृढ़ और सशक्त की अवधारणा को क्रियान्वित करता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान में भाजपा की डबल इंजन सरकार का महत्वपूर्ण ध्येय किसानों की आय वृद्धि, युवाओं को रोजगार, नवीन स्टार्टअप की कार्य योजना, औद्योगिक विकास सहित आमजनों को राहत प्रदान कर उनकी सुविधाओं को आधुनिकता के साथ विस्तार करते हुए उनको सशक्त करना है।
केंद्र सरकार ने फिर से कर दिया निराश – पाराशर
कांग्रेस नेता व जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट ने फिर यह बता दिया है कि यह सरकार पूंजीपतियों की है, आमजन का केवल शोषण करती हैं। यह बजट आमजन का नहीं, मोदी सरकार को बचाने का बजट है। पिछले दस साल में जो अन्याय इस देश के मध्यमवर्ग और गरीब के साथ हुआ है, उसे पुनः दोहराया जा रहा है। यह अर्थहीन, भ्रामक और दीर्घकालिक दृष्टि के अभाव वाला बजट है। जालोर के लोगों को भी इस बजट से बड़ी आस थी मगर जालोर फिर से खाली हाथ रहा। रोहट से सांचौर तक राष्ट्रीय राजमार्ग, माही नदी के पानी का मुद्दा हो, रेल सुविधाओं में विस्तार की बात सब धरी की धरी रह गई। इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद देश के अन्नदाताओं को थी लेकिन फसलों के एमएसपी को नहीं बढ़ाया गया। देश के युवाओं की नौकरियां पाने की आस भी अधूरी रह गयी। अग्निवीर योजना को ख़त्म करके सेना में पुरानी भर्ती को बहाल नहीं किया गया। युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं ही की गई। देश में महंगाई आसमान पर है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर टैक्स कम नहीं किया गया। कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन बहाल होने की उम्मीद थी लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी है। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यकों के लिए किसी भी बड़ी योजना की घोषणा नहीं की गई। ट्रेनों से लगातार हादसे हो रहे हैं, इसके बावजूद बजट में रेलवे के बारे में कुछ नहीं कहा गया। बजट में केवल एनडीए सरकार को बचाए रखने की प्लानिंग की गई है, मोदी सरकार ने बजट में आंध्रप्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ और बिहार के लिए 41 हजार करोड़ की बजट का ऐलान किया है। आखिर राजस्थान ने क्या बिगाड़ा है ?
एक लाइन में सिमट गया रेल का विकास – सवाराम
पीसीसी सदस्य सवाराम पटेल ने बताया कि केन्द्र सरकार का बजट बिहार व आंध्रप्रदेश को समर्पित है।आज के बजट में गरीबों, युवाओं, सरकारी नौकरों,महिलाओं व किसानों के लिये कोई ख़ास प्रावधान नहीं, भारतीय रेल विकास के लिये पुराने समय में पूरा 1 दिन बजट के लिये समर्पित होता था आज 1 लाइन का बजट रखा गया। यह निराशा जनक बजट हैं।