दिलीप डूडी, जालोर. तस्वीर देख चौंकिएगा नहीं, यह कोई कॉरपोरेट कार्यालय नहीं बल्कि एक सरकारी स्कूल का भवन है, जो राजस्थान के जालोर जिले के रेवतड़ा में बनकर तैयार हुआ है। यह स्कूल भवन रेवतड़ा के ही निवासी भामाशाह ने बनाया है, जो इलेक्ट्रिक्स व्यवसाय में देशभर में प्रसिद्ध है। जी हां, हम बात कर रहे है गोल्डमेडल समूह के जोगराज जैन की, जिनके परिवार ने रेवतड़ा में सरकारी संस्थाओं के भवनों के निर्माण करवाये हैं। इसी के तहत माता पिता की स्मृति में गांव में श्रीमती पाबूदेवी ओटमल गोराजी राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल भवन का निर्माण करवाया गया है, जो अब लगभग पूरा हो चुका है। सम्भवतया अगस्त महीने में यह भवन नियमित स्कूल संचालन के लिए शिक्षा विभाग को सौंप दिया जाएगा।
सरकारी स्कूल में है अत्याधुनिक है सुविधाएं
रेवतड़ा निवासी जोगराज जैन परिवार की ओर से बतौर भामाशाह खूब सहयोग दिया जाता रहा है। वर्तमान में गांव में जहां सरकारी स्कूल संचालित हो रही है, वो भवन भी इस परिवार ने बनवाया था। अब भविष्य को देखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त नए भवन का निर्माण करवाया गया है। इस स्कूल में 45 कमरे बनवाए गए है, जिसमें से 10 प्राथमिक स्कूल व 35 सीनियर कक्षाओं के लिए होंगे। इसमें अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब व विज्ञान प्रयोगशाला भी बनवाई गई है। विद्यालय में फर्नीचर भी विदेशों से मंगवाया गया है। सभी कक्ष वातानुकूलित भी किये गए है। ताकि विद्यार्थियों को पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हो।
खेल के लिए स्टेडियम का निर्माण
स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए एक बेहतरीन स्टेडियम का निर्माण भी करवाया गया है। जिसमें आरामदायक कुर्सियां भी लगवाई गई है। इसमें इंडोर और आउटडोर दोनों प्रकार के खेल खेले जा सकेंगे। साथ ही बड़े आयोजन भी आराम से किये जा सकेंगे।
पांच साल तक मेंटेनेंस भी करेगा भामाशाह परिवार
सरकारी स्कूलों को स्कूल मेंटेनेंस के नाम पर बहुत कम खर्च मिलता है। कई स्कूलों में ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल में व्यवस्थाओं के लिए सहयोग लिया जाता है। ऐसे में इस प्रकार की अत्याधुनिक स्कूल के निर्माण कर शिक्षा विभाग को सुपुर्दगी करने के बाद इसके मेंटेनेंस पर भी अधिक खर्च होना स्वाभाविक है। लिहाजा भामाशाह परिवार ने इसका मेंटेनेंस रखने के लिए शिक्षा विभाग से पांच साल के लिए स्वीकृति ली है। पांच सारा खर्च यही भामाशाह वहन करेंगे।इस स्कूल की जमीन भी भामाशाह की ओर से उपलब्ध करवाई गई है।
गांव से हैं हमारा जुड़ाव
भामाशाह जोगराज जैन के छोटे भाई व इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रवीणकुमार ने बताया कि हमारा व्यवसाय भले ही बाहर हो, लेकिन गांव से हमारा आज भी जुड़ाव है। हम हर कार्यक्रम गांव में करते है। इसलिए ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए कुछ सहयोग करते है। शिक्षा के क्षेत्र में जितना योगदान दे सकते है वो कम है। इस स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी। 5 साल मेंटेनेंस भी हम ही सम्भालेंगे। अगस्त में इसके नियमित संचालन के लिए शिक्षा विभाग को सौंपने का प्रयास है।