जालोर. रोटरी सेवा पखवाड़े के अन्तर्गत राजकीय बी.एस.सी नर्सिंग महाविद्यालय में विद्यार्थियों एवं हॉस्पिटल स्टाफ को दिन प्रतिदिन बढ़ते साइबर अपराधों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रोटेरियन कैलाश सुथार के नेतृत्व में बुधवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि हम सभी आजकल अपने विभिन्न बिल,खरीददारी के साथ-साथ बैंकिंग व आपसी लेनदेन तक ऑनलाइन कर रहे हैं और सोशल मीडिया आदि का भी ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। संगोष्ठी को आयोजित करने का उद्देश्य साइबर अपराधों और सुरक्षा सावधानियों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना था, ताकि लोग खुद को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकें और सुरक्षित रूप से इंटरनेट का उपयोग कर सकें। एक नए इंटरनेट उपयोगकर्ता को इंटरनेट पर सर्फिंग शुरू करने से पहले इंटरनेट और साइबर सुरक्षा के बारे में सीखना चाहिए। इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होती हैं। इंटरनेट बैक एंड पर कैसे काम करता है और कंप्यूटर एक दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं। विंडो सिस्टम में कई सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं,लेकिन हमें चुनना होगा कि कौन सा इनेबल या डिसेबल करना है। आम जनता के साथ धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधी तकनीकी मोर्चे पर इतने मजबूत नहीं होते लेकिन वे जल्दबाजी करते हैं ताकि कोई भी तर्कसंगत रूप से सोच न सके या दूसरों के साथ परामर्श ना कर सके। अलग-अलग लोगों के साथ एक ही तरकीब बार-बार इस्तेमाल की जाती है। इसलिए अगर आपके साथ कुछ हो जाए तो हमेशा रिपोर्ट करें। विभिन्न प्रकार के साइबर फ्रॉड- ओटीपी फ्रॉड, फर्जी लिंक भेज कर किए जाने वाले फ्रॉड, ओएलएक्स या ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा किए जाने वाले फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन फ्रॉड और सोशल मीडिया द्वारा की जाने वाली साइबर बुलिंग, फिशिंग आदि साइबर अपराधों की जानकारी दी और साइबर अपराधों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें आदि के संबंध में, प्रैक्टिकली समझाया गया।अतः साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक और सतर्क रहकर पूरी सावधानी के साथ सोशल मीडिया और ऑनलाइन फाइनेंशियल काम करें तथा अपनी निजी जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करें ।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ,स्टाफ एवं रोटरी सदस्यों ने साइबर सुरक्षा संबंधी बारीकियों को समझा और पूरे देश में साइबर क्राइम किस प्रकार अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है, इस पर वर्कशॉप में चर्चा की। साइबर क्राइम किस प्रकार और किन तत्वों के द्वारा की जाती है।
जागरूकता ही साइबर अपराधों की रोकथाम कर सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराध आर्थिक आधार पर हो रहे हैं। इसमें से यूपीआई कोड और क्यूआर कोड का पता कर साइबर ठग अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।यही कारण है कि पहले क्यूआर कोड या फिर ओटीपी का प्रयोग कर ठगी होती थी, लेकिन अब सोशल मीडिया, बैंकों के गोपनीय दस्तावेज, ऑनलाइन प्रलोभन, ऐनी डेस्क, एप्लीकेशन डाउनलोड समेत कई ऐसे तरीके हैं। जो हैकर प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सावधानी ही अपराधों की रोकथाम का कारगर हथियार बन सकता है। इसके लिए किसी भी ऑनलाइन शॉपिंग या फिर एटीएम, गूगल पे, फोन पे का इस्तेमाल करने के दौरान सावधानी रखें। फेसबुक के माध्यम से साइबर क्राइम आम बात हो गयी है। साइबर ठग फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल प्लेटफार्म के माध्यम से भी साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे है। इसलिए अपने सोशल मीडिया एकाउंट में सिक्योरिटी फीचर को ऑन कर उसे अपडेट करे। अंजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट बिना जानकारी के स्वीकार न करें। वर्तमान में साइबर क्राइम से निपटना एक चुनौती बना हुआ है। साइबर क्राइम की रोकथाम आम लोगों के जागरूक होने से की जा सकती है। इसलिए इस तरह की जागरूकता कार्यशाला का सभी को लाभ लेना चाहिए।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.पवन ओझा ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करती है। साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होकर ही लोग उससे बच सकते है। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के आयोजन कराने का आश्वासन दिया।
किसी के कस्टमर केयर नंबर के लिए गूगल बाबा का इस्तेमाल करने से बचे।उन्होंने कहा कि गूगल बाबा आम लोगों के लिए जितने फायदेमंद है तो उतने ही हानिकारक भी है। उन्होंने बताया कि साइबर ठग लोगों को गूगल बाबा का फायदा उठाकर आम जनता को ठगने का कार्य करता है।ऐसे अपराधों की जितनी जल्दी हो सके शिकायत करे, उतनी ही आपको कम क्षति होगी।सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता के संबंध में सायबर सुरक्षा के लिये साझा प्रयास की आवश्यकता पर बल देते हुये बताया कि वर्तमान में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट का उपयोग हमारे जीवन का एक अंग हो गया है। हमारे दैनिक जीवन का काफी समय आभासी दुनिया में व्यतीत हो रहा है।
दुनिया के बदलते परिवेश में अपने आप को उसके अनुरूप ढालना होगा क्योंकि यदि आप उससे तालमेल नहीं बैठाते हैं तो किसी खतरे में भी पड़ सकते हैं । वास्तविक दुनिया एवं आभासी दुनिया बड़ा अंतर है।
वास्तविक दुनिया के खतरे दिखाई पड़ते हैं किन्तु आभासी दुनिया के नहीं। वास्तविक दुनिया में उत्पन्न खतरों से पुलिस आपकी सुरक्षा कर सकती है किन्तु सायबर वर्ल्ड में हो रहे सायबर अपराध से बचाव आपकी जागरूकता पर निर्भर है। इसके लिये आपको हमेशा सतर्क एवं जागरूक रहकर सायबर स्पेस का उपयोग करना चाहिए।कार्यक्रम में प्रोग्राम चेयरमैन रोटरी अध्यक्ष डॉ.पवन ओझा, सचिव संजय सहित रोटरी क्लब के पदाधिकारी एवं रोटेरियन्स उपस्थित थे।