जालोर. पोक्सो न्यायालय जालोर के विशिष्ट न्यायाधीश भूपेन्द्र कुमार सनाढय ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी स्कूल टीचर को बीस साल के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार पीड़िता के मामा ने 25 सितम्बर 2022 को बागोडा पुलिस थाना में रिपोर्ट देकर बताया कि शाम को करीब साढे छह बजे कक्षा ग्यारह में अध्ययनरत उसकी नाबालिग भाणजी घर से बस स्टेण्ड पर स्टेशनरी की दुकान पर किताब लेने गई थी, लेकिन वह वापस नहीं आई तो घर वालों ने बस स्टेण्ड व आस – पास उसकी तलाश की। बस स्टेण्ड पर गांव के दो व्यक्ति मिले। उन्हे भी उसकी भाणजी के गुम होने की बात बताई। तब हम सभी उसकी नाबालिग भाणजी की तलाश बस स्टेण्ड में दुकानो के आस पास कर रहे थे। तभी हमें दुकानों के ऊपर बने कमरे में बच्चे के रोने व चिल्लाने की आवाज आई। तब हमें कुछ शंका हुई। इसके बाद ऊपर गये, तो देखा की एक बंद कमरे में मेरी भाणजी अपने बचाव बचाव चिल्लाने व उसके रोने की आवाज आ रही थी। तब हमने अंदर से दरवाजा खोलने के लिए खटखटाया, तो अंदर से दरवाजा नहीं खोलने पर कमरे के अंदर से मेरी भाणजी के बचाने के लिए चिल्लाने की आवाज आने पर हमने जोर से दरवाजे को धक्का देकर खोलकर देखा तो कमरे के अंदर लाईट की रोशनी में मेरी नाबालिग भाणजी फर्श पर बदहवास हालात में पड़ी थी। वही पास में ही उसकी भाणजी के स्कूल का अध्यापक प्रमोद कुमार पुत्र ओमप्रकाश मेघवाल निवासी चुबकियागढ, पुलिस थाना सिद्वमुख, जिला चुरू अर्धनग्न अवस्था में लेटा था। भाणजी को खडा कर उससे पूछा, तो उसने बताया कि वह घर से स्टेशनरी की दुकान पर किताबे लेकर वापस दुकानो के आगे से घर आ रही थी। तभी दुकानो के पास बनी सीढियां पर स्कूल के अध्यापक प्रमोद कुमार ने अचानक रोककर जबरदस्ती अपने ऊपर बने कमरे में लेकर गया। उस दौरान मै चिल्लाई तो कोई बचाने नही आया। इसके बाद वह कमरे में ले जाकर मेरे साथ प्रमोद कुमार ने दुष्कर्म किया। उक्त बात मेरी भाणजी ने बताई। जिस पर उक्त रिपोर्ट पुलिस थाना में प्रस्तुत की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। बाद अनुसंधान आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 21 गवाह के बयान लेखबद्व किये गये। पोक्सो न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश भूपेन्द्र कुमार सनाढय ने दोनो पक्षो की बहस सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद आरोपी स्कूल अध्यापक प्रमोद कुमार नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का दोषी मानते हुए बीस साल के कारावास की सजा सुनाई । वहीं एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। सरकार की ओर से पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक सैयद मुमताज अली ने की।