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जालोर का एक ऐसा सरकारी कॉलेज, जिसका न तो भवन है और न कोई पढ़ाने वाला, फिर भी 104 विद्यार्थी है अध्ययनरत

  • कांग्रेस सरकार ने केशवना में कृषि कॉलेज शुरू करने की घोषणा की थी
  • विद्यार्थियों को प्रवेश दे दिया, लेकिन न शिक्षक लगाए और न भवन दिया

दिलीप डूडी, जालोर. चुनावी घोषणाएं या लुभावने वादे कैसे होते हैं, इसकी बानगी आप जालोर में एक कॉलेज के जरिए जान सकते हैं। दरअसल, वर्ष 2022 में राज्य की सरकार ने बजट घोषणा के दौरान जालोर जिले के केशवना में एक कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की थी, सरकार की घोषणा की पालना में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेज का संचालन शुरू करना पड़ा, लेकिन जिस तरह आनन फानन में कॉलेज शुरू की गई, उससे इस कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। केशवना की कृषि कॉलेज के नाम पर शुरू किए गए इस राजकीय महाविद्यालय में वर्तमान में 104 विद्यार्थी अध्ययनरत है, लेकिन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए एक भी व्याख्याता पदस्थापित नहीं किया गया है और इस कृषि महाविद्यालय को जालोर जिला मुख्यालय स्थित वीर वीरमदेव राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के दो कमरों में संचालित कर औपचारिकता पूरी करनी पड़ रही है।

कठिन परीक्षा पास कर आते हैं विद्यार्थी

कृषि संकाय में सीनियर तक पढ़ाई करने के बाद जेट (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) पास कर इस प्रकार की कॉलेज में प्रवेश दिया जाता है। केशवना कृषि महाविद्यालय में संकाय के हिसाब से 12 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत है, लेकिन सरकार ने एक भी व्याख्याता पदस्थापित नहीं किया है। वहीं कॉलेज का संचालन केशवना में करना था, लेकिन भवन के अभाव में जालोर की पीजी कॉलेज में ही इसे शुरू करना पड़ा। अब यहां विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक करना भी मुश्किल है। व्याख्याता नहीं होने के चलते विद्यार्थियों को किस हालात में परीक्षा के लिए तैयार होना पड़ा, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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प्रशासन ने शुरू की थी जमीन तलाश

2022 में बजट घोषणा होने के बाद केशवना कृषि कॉलेज के लिए जिला प्रशासन ने जमीन तलाशनी भी शुरू की थी, उम्मेदाबाद के पास इसके लिए जमीन ढूंढी गई थी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कार्य अधूरा रह गया। उसके बाद केशवना में इसके लिए भवन निर्माण शुरू किया गया, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। ऐसे में आनन फानन में यह कृषि कॉलेज जालोर पीजी कॉलेज में शुरू कर दिया और यहीं के प्रिंसिपल को कार्यवाहक प्राचार्य और पीजी कॉलेज के एक व्याख्याता को नोडल प्रभारी बना दिया गया, जो केवल कागजी औपचारिकता पूरी कर सकते है। विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए व्याख्याताओं की दरकार है और कॉलेज के मूल भवन की भी, ताकि कृषि संकाय के विद्यार्थियों को कृषि सम्बंधित बारीकियों का प्रयोग करने में दिक्कत नहीं हो।

इनका कहना है…

कृषि महाविद्यालय केशवना का संचालन पीजी कॉलेज जालोर में किया जा रहा है, व्याख्याताओं के पदस्थापन के लिए उच्च स्तर पर अवगत कराया हुआ है।

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– विमल खत्री, नोडल प्रभारी, कृषि महाविद्यालय, केशवना

दो साल विद्यार्थियों को बिना व्याख्याताओं के परीक्षा देनी पड़ी। सरकार ने शुरू में ही तकनीकी खामी रख दी थी, कृषि कॉलेज को कृषि विभाग या कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के सम्बंधित रखना था, लेकिन सरकार ने इसे उच्च शिक्षा के अधीन किया, इस कारण दिक्कत हुई। अब केशवना में भवन बनकर तैयार होने वाला है। साथ ही तकनीकी खामी का भी निस्तारण कर व्याख्याताओं के पद भरे जाएंगे।

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-जोगेश्वर गर्ग, विधायक जालोर व मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा

हमारी सरकार ने कॉलेज खोलकर बच्चों के लिए व्यवस्था की है और भवन भी बनकर तैयार होने वाला है। अगर कोई खामी रही है तो सरकार को अब दुरुस्त कर पदस्थापन करना चाहिए। दुर्भावना से बहाने नहीं बनाने चाहिए।

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-पुखराज पाराशर, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान राज्य जन अभाव अभियोग निराकरण समिति

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