- अस्पताल के नियमों को नहीं बदला, पर खुद पीएमओ ने दिया खून
जालोर. कन्हैया लाल, हीमोग्लोबिन केवल 5 ग्राम है। जिस पर रक्त चढ़ाने की अनुशंसा, लेकिन रक्त कोष में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा कुछ दिनों पूर्व ही नियम बनाए गए थे कि किसी प्रकार की कोई चैरिटी नहीं की जाएगी तथा रक्त कोष से रक्त देने पर ही लाभार्थी को रक्त दिया जाएगा। लेकिन कन्हैया लाल की परिस्थितियों को देखते हुए डॉ पूनम टाक ,प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सालय ने खुद के बनाए हुए नियमों को बदला नहीं और स्वयं का रक्त देने का निर्णय किया। जिससे उन्होंने लोगों रक्तदान के प्रति जागरूक किया।
जानकारी के अनुसरण विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर एक मरीज कन्हैयालाल पुत्र धर्मा निवासी तोपखाना जालोर जो की शीतला माता मंदिर गौशाला, आदर्श विद्या मंदिर के पास, अल्प वेतन भोगी के रूप में कार्यरत हैं। पाइल्स की बीमारी से पीड़ित हो जिला चिकित्सालय जालौर में आए तो डॉ विजय मीणा द्वारा जांच करने पर ज्ञात हुआ कि कन्हैया लाल का रक्त केवल 5 ग्राम है जिस पर रक्त चढ़ाने की अनुशंसा की गई लेकिन रक्त कोष में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा कुछ दिनों पूर्व ही नियम बनाए गए थे कि किसी प्रकार की कोई चैरिटी नहीं की जाएगी तथा रक्त कोष से रक्त देने पर ही लाभार्थी को रक्त दिया जाएगा लेकिन कन्हैया लाल की परिस्थितियों को देखते हुए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सालय डॉ पूनम टाक ने खुद के बनाए हुए नियमों को शिथिल नहीं किया, बल्कि स्वयं का रक्त देने का निर्णय किया
डॉ पूनम टाक के इस निर्णय के पीछे कई संदेश छुपे हुए हैं जिसमें रक्तदान को बढ़ावा देना, आवश्यकता पड़ने पर अपने निकट संबंधियों हेतु रक्तदान करना, अनावश्यक रूप से विभिन्न प्रकार के दबाव या भ्रांतियों के कारण होने वाली चैरिटी के नाम से रक्तकोष से रक्त देने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना आदि शामिल है।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर लगाया विशेष काउंटर
विश्व उच्चरक्तचाप दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय में आने वाले सभी वयस्क रोगियों के रक्तचाप व रक्त की जांच हेतु एक विशेष काउंटर भी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा लगवाया गया तथा इसी दिन स्वयं का रक्तदान कर एक अभिनव पहल करते हुए सभी चिकित्सा कर्मियों, चिकित्सकों को संदेश भी दिया गया कि अनावश्यक चैरिटी नहीं करनी है तथा आमजन को संदेश दिया गया कि रक्तदान महादान है तथा रक्तदान करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है रक्त नया बनता है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। इस अवसर पर डॉ राजेश शर्मा उप नियंत्रक जिला चिकित्सालय, डॉ रामेश्वर सुथार वरिष्ठ विशेषज्ञ नेत्र रोग व समस्त रक्त कोष स्टाफ आदि उपस्थित रहे।
इनका कहना है
वर्तमान में रक्तदान को बढ़ावा देना जरुरी है।आवश्यकता पड़ने पर अपने निकट संबंधियों को रक्त जरूर देना चाहिए। अनावश्यक रूप से विभिन्न प्रकार के दबाव या भ्रांतियों के कारण होने वाली चैरिटी के नाम से रक्तकोष से रक्त देने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना जरूरी है। इस लिए नियम बनाये गए है। हमारा फ़र्ज है कि रक्तदान करें। ताकि स्वस्थ रहे।
– डॉ पूनम टांक, पीएमओ, जालोर