जालोर. जालोर जिले के आहोर उपखंड क्षेत्र के ओडवाड़ा गांव में राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन की ओर से गुरुवार को चिन्हित अतिक्रमण हटाया गया। गुरुवार सुबह कार्रवाई शुरू की गई, जहां कुछ विरोध के बाद मामला शांतिपूर्ण रहा। प्रशासन ने काफी संख्या में अतिक्रमण हटा दिया है। जिसमें कई पक्के निर्माण भी थे।
जानकारी के मुताबिक ओड़वाड़ा गांव में दो भाइयों के बीच हुए विवाद के बाद एक पक्ष ने उच्च न्यायालय चला गया। गांव में ओरण में अतिक्रमण होने का मामला दायर किया गया था। इसकी जांच पड़ताल के बाद न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के आदेश बीते वर्ष भी दिए थे। उस दौरान प्रशासन ने 67 कच्चे अतिक्रमण हटाए गए थे। न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को पुनः पक्के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। यहां बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया।
आहोर जालोर व सायला के उपखंड अधिकारी भी मौजूद रहे। आहोर उपखंड अधिकारी शंकरलाल मीणा ने बताया कि करीब 35 एकड़ जमीन में 138 पक्के निर्माण चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है। शंकरलाल मीणा ने बताया कि इसमें कई लोगों ने न्यायालय से फिर से स्थगन आदेश भी ले रखा है, लेकिन गुरुवार को 138 चिन्हित पक्के निर्माण को हटाने की कार्रवाई की गई है। मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए आवासरत किसी व्यक्ति को बेघर करने का प्रयास नहीं किया गया है। दीवारों को तोड़ा गया है। न्यायालय की पालना में कार्रवाई की गई है। आपको बता दें कि इस संबंध में 20 मई को प्रशासन की ओर से न्यायालय में जवाब पेश करना है।