दिलीप डूडी, जालोर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जितनी मेहनत प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाने में नहीं की, उससे ज्यादा माथापच्ची अब जालोर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बेटे वैभव गहलोत को जिताने को लेकर कर रहे हैं। इसी के तहत शनिवार को अशोक गहलोत का जालोर-सिरोही का भी दौरा रहा। गहलोत इस बार अपने बेटे वैभव गहलोत को जिताने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। उस हर व्यक्ति से आसान मुलाकात कर सहयोग मांग रहे है, पूर्व में जिनसे मिलना भी पसंद नहीं करते थे। एक तरह से माना जाए तो अशोक गहलोत ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए जालोर सीट पर पूरा फोकस लगा रखा है।
लिहाजा जालोर-सिरोही में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। इस कारण अब उन बागियों को भी मनाने का प्रयास करेंगे, जो कांग्रेस को नुकसान कर रहे हैं। इसी के तहत कांग्रेस के बागी और बसपा से घोषित उम्मीदवार लालसिंह राठौड़ को घेरने की रणनीति भी तैयार की जा रही है। इसके लिए अशोक गहलोत ने जालोर में रात्रि विश्राम के दौरान मंथन भी किया।
पहले चाह रहे थे निर्दलीय हो लालसिंह, बसपा से आए तो लगा डर
वैभव गहलोत को जालोर सीट पर टिकट दिए जाने से पहले लालसिंह राठौड़ ने एक आयोजन कर हुंकार भरी थी। उस दौरान कांग्रेस को चेतावनी दी थी कि अगर बाहरी किसी को टिकट दिया तो वे निर्दलीय चुनाव में ताल ठोकेंगे। इस चुनौती को भीतरी रूप से अशोक गहलोत स्वीकार कर रहे थे, उन्हें संभावना थी कि लालसिंह के निर्दलीय लड़ने से वैभव गहलोत को नुकसान नहीं होगा, इसका नुकसान भाजपा को होगा। इसलिए लालसिंह के निर्दलीय लड़ने की चुनौती को कांग्रेस आसान मान रही थी, लेकिन लालसिंह राठौड़ ने राजनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए निर्दलीय की बजाय बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाथ मिला लिया। इसका जनाधार अक्सर कांग्रेस को नुकसान करने वाला होता है।
जैसे ही बसपा से लालसिंह राठौड़ के उम्मीदवार बनने की घोषणा हुई, वैसे ही अशोक गहलोत समेत उनके रणनीतिकारों के कान खड़े हो गए, इधर-उधर जानकारी जुटाई तो पता चला कि लालसिंह का यह दांव कांग्रेस को ही अधिक नुकसान करेगा। इससे अशोक गहलोत में वोट कटने का डर पैदा हो गया। बसपा का मूल वोट बैंक कांग्रेस विचारधारा को पसंद करने वाला माना जाता है, इस कारण लालसिंह के मैदान में होने से कांग्रेस के अधिक वोट टूटने की आशंका रहेगी, इस कारण लालसिंह के लिए नई रणनीति तैयार करने को लेकर मंथन शुरू हो गया है।
पहले करेंगे मान मनुहार, नहीं माने तो घेराबंदी
सूत्रों के मुताबिक लालसिंह राठौड़ बतौर बसपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस को अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस कारण अशोक गहलोत ने अपने रणनीतिकारों से नई रणनीति बनाने को लेकर मंथन किया है। सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि पहले तो लालसिंह को बड़े प्रतिष्ठित लोगों के जरिये मान मनोवल कर उन्हें बिठाने का प्रयास किया जाएगा। नहीं मानने की स्थिति में लालसिंह राठौड़ की नई रणनीति के जरिए घेराबंदी की जाएगी।
इस नई रणनीति के तहत लालसिंह की नामांकन सभा को फेल करने का भी प्रयास रहेगा, ताकि जनता में सन्देश जाए कि लालसिंह के साथ वोटर्स नहीं जुड़ रहे है। जिससे कांग्रेस के वोटबैंक में सीधी सेंधमारी रुक सके।
बड़े स्तर पर कार्य में जुटी है कम्पनी
अशोक गहलोत ने पच्चीस सीटों में से जालोर लोकसभा सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ा हुआ है। साथ ही बेटे के राजनीतिक करियर को ध्यान में रखते हुए कोई चूक नहीं रखना चाहते। इस कारण गहलोत ने वैभव को जिताने के लिए एक कम्पनी को पूरे संसदीय क्षेत्र में तैनात कर दिया है। कम्पनी के लोग बड़ी संख्या में हर ब्लॉक स्तर पर मौजूद है।
क्षेत्र में घूम घूमकर पल पल की जानकारी अशोक गहलोत तक पहुंचा रहे हैं। इसी कम्पनी के लोगों की ओर से लालसिंह के गोपनीय इनपुट व रणनीति पर काम किया जाएगा। ताकि कांग्रेस का वोटर्स खिसक नहीं पाए।
आयोजन के बहाने हुई खास मुलाकातें
रात्रि विश्राम अशोक गहलोत ने जालोर एक होटल में किया। इससे पहले उन्होंने कार्यकर्ताओं से वन टू वन मुलाकात कर कमियों को दूर करने के सुझाव भी लिए। इस दौरान अशोक गहलोत ने सामाजिक कार्यक्रमों में भी शिरकत की। जिसके बहाने खास मुलाकातें भी हुई।
सुबह पाली जाते समय आहोर से 2018 में प्रत्याशी रहे पीसीसी सदस्य सवाराम पटेल के घर पर भी गए। जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं से मिले और सहयोग मांगा। गहलोत ने कहा कि आप सभी के सहयोग से ही जीत सम्भव है, पूर्व में कोई भूल रही हो तो उसे नजरअंदाज करते हुए अब सहयोग का समय आया है साथ देकर जिताएं।
पत्रकारों से बोले- चौंकाने वाला परिणाम आएगा
सुबह रवानगी से पहले पत्रकारों से मिलते हुए अशोक गहलोत ने भरोसे के साथ कहा कि देश व प्रदेश में चौंकाने वाला परिणाम आएगा। देश में लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में है। देश के हालात बिगड़ रहे है।