- जालोर के बागियों को मनाने का नहीं प्रयास
दिलीप डूडी, जालोर. लोकसभा चुनाव 2024 को जीतने के लिए हर राजनीतिक दल अपने से नाराज व दूरी बनाए नेताओं को पार्टी से जोड़ने के प्रयास में है। राजस्थान में भी समझाइश का दौर जारी है, लेकिन जहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत चुनाव मैदान में है, वहां यह समझाइश अभी तक शुरू नहीं हुई।
अब यह कांग्रेस का अति आत्मविश्वास है या फिर कोई गफलत, लेकिन जालोर में बागियों को मनाने का खास प्रयास अभी नहीं हुआ। जबकि पड़ोसी संसदीय क्षेत्र में जिन बागियों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बैकफुट पर लाया, उन्हें गुरुवार को पुनः पार्टी से जोड़ लिया गया है। ऐसे में अब चर्चा यह होने लगी है कि जालोर के बागियों को दुबारा पार्टी से जोड़ने की कोशिश होगी या फिर नई रणनीति से काम करेंगे।
पीसीसी सदस्यों ने की थी बगावत
जालोर संसदीय क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में एक पूर्व विधायक समेत दो पीसीसी सदस्यों को बगावत के कारण पार्टी ने निष्कासित किया था। जालोर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल ने बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक दी थी। टिकट कटने से नाराज हुई 2018 की प्रत्याशी व पूर्व जिला प्रमुख, पीसीसी सदस्य मंजू मेघवाल ने भी रामलाल का साथ दिया। इस कारण पार्टी ने दोनों को निष्कासित कर दिया। इनके अलावा सांचौर में पीसीसी सदस्य रहे डॉ शमशेर अली ने भी बसपा से चुनाव लड़ा, जिसका नतीजा रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम विश्नोई को भी नजदीकी हार झेलनी पड़ी। पूर्व विधायक रामलाल को तो भाजपा ने अपने खेमे में ले लिया, लेकिन दोनों पीसीसी सदस्य शमशेर अली व मंजू मेघवाल अभी इंतजार में है।
पड़ोसी क्षेत्र से दोनों धुरंधरों को वापस पार्टी में लिया
जालोर क्षेत्र से भले ही दोनों निष्कासित नेता वापसी का इंतजार कर रहे हो, लेकिन पड़ोसी संसदीय क्षेत्र बाड़मेर में कांग्रेस को दो विधानसभा क्षेत्रों से हरवाने वाले बागियों को वापिस पार्टी में शामिल कर लिया गया है। बाड़मेर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान ने बगावत करते हुए शिव से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जहां कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। वहीं सिवाना से भी सुनील परिहार ने बगावत कर कांग्रेस को हराया था। पार्टी से निष्कासित इन दोनों नेताओं को गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत नेताओं की मौजूदगी में पुनः पार्टी में शामिल किया गया है।
23 को जालोर आएंगे अशोक गहलोत
जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 मार्च को जालोर आएंगे। जहां उनके बेटे वैभव गहलोत के चुनावी कैम्पेन को लेकर पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक यह चुनाव गहलोत की प्रतिष्ठा से जुड़े हुए है। ऐसे में सम्भवतया नाराज नेताओं से गिला शिकवा दूर करने का भी प्रयास किया जाएगा।
अब लालसिंह ने बसपा से ठोकी ताल
कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष लालसिंह राठौड़ ने नाराज होकर बसपा से ताल ठोक दी है। ऐसे में अब कांग्रेस से निष्कासित नेताओं को बसपा अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास कर रही है। वहीं डॉ शमशेर अली तो स्वयं बसपा से ही चुनाव लड़े थे। अब इन नेताओं का साथ लालसिंह को मिलता है तो फिर कांग्रेस के लिए मुकाबला कड़ा हो सकता है।