- तीन दिन पहले जयपुर जाकर आए थे रामलाल मेघवाल
- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने की पुष्टि
दिलीप डूडी, जालोर. भगवान श्रीराम नाम की इस लहर में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करने वालों की सूची में जालोर के पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल भी जुड़ गए है। हालांकि शनिवार को जयपुर में हुए कार्यक्रम में तो रामलाल मेघवाल उपस्थित नहीं हुए, लेकिन तीन दिन पहले पार्टी की सदस्यता लेकर आ गए थे। इस बात की पुष्टि मेघवाल के पुत्र दिग्विजय परमार व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता जोगेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने की है। बताया जा रहा है कि स्वयं रामलाल मेघवाल रविवार को मीडिया से मुखातिब हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक ढलती उम्र में बेटों की राजनीतिक विरासत मजबूत करने के उद्देश्य से रामलाल मेघवाल ने इस प्रकार का कदम उठाना पसंद किया है।
आठ बार चुनाव लड़े और जीते एक बार
जानकारी के मुताबिक कमजोर व दलितों की सेवा का जज्बा लिए कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े करीब 82 वर्षीय रामलाल मेघवाल ने अपनी जिंदगी राजनीति में खपा दी। अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित जालोर विधानसभा सीट पर वर्ष 1977 से अबतक रामलाल पूर्ण सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। इस अवधि में इन्होंने 8 बार विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसमें चार बार कांग्रेस पार्टी ने इन्हें प्रत्याशी बनाया, लेकिन केवल एक बार वर्ष 2008 में ही जोगेश्वर गर्ग को हराकर विधायक बन पाए। पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण चार बार निर्दलीय ताकत आजमा चुके हैं।
चार महीने पहले बागी बनकर दिखा चुके हैं ताकत
रामलाल मेघवाल वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हार गए थे। उसके बाद 2018 में पार्टी ने टिकट काटकर मंजू मेघवाल को दे दिया। उसके बाद दोनों की आपसी अदावत के चलते 2023 के चुनाव में कांग्रेस ने नए प्रत्याशी रमिला मेघवाल को मैदान में उतार दिया। इससे खफा रामलाल व पूर्व प्रत्याशी मंजू मेघवाल दोनों एक हुए और बतौर निर्दलीय रामलाल मेघवाल चुनाव मैदान में उतरे। करीब साढ़े चार हजार मत प्राप्त हुए, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को हार मिली। इसके बाद रामलाल मेघवाल के कांग्रेस में दरवाजे बंद होते देख भाजपा का रुख किया है।
कांग्रेस में महासचिव रहे है रामलाल के पुत्र
बताया जा रहा है कि रामलाल मेघवाल अपने बेटों की राजनीतिक विरासत को मजबूत करने के मकसद से भाजपा में गए है। पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल के पुत्र रमेश मेघवाल को पार्टी में जिले में बड़ा ओहदा दिया हुआ था। साथ ही सरकार के समय बाल कल्याण समिति में भी सदस्य बनाया था, लेकिन चुनावी समीकरण में फेल हो गए। पहले गांव में वर्ष 2020 में रामलाल के परिवार ने सरपंच का चुनाव लड़ा, जिसमें हार मिली। इससे पहले 2019 में बेटे के लिए जालोर नगरपरिषद वार्ड से टिकट मांगी गई, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दी। जिसके बाद से रामलाल मेघवाल की पार्टी के प्रति नाराजगी झलकनी शुरू हो गई थी, यही नतीजा हुआ कि अब आखिरकार भाजपा ज्वाइन करनी पड़ी।