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जालोरराजनीतिलोकसभा चुनाव 2024

सरदार बूटासिंह के बाद अस्थिर हुई कांग्रेस ने एक बार फिर चेहरा बदलकर वैभव गहलोत को जालोर लोकसभा सीट पर मैदान में उतारा

  •  पिछले चार लोकसभा चुनाव हार चुकी है कांग्रेस

दिलीप डूडी, जालोर. सरदार बूटासिंह ने जालोर लोकसभा सीट की जो पहचान देशभर में बनाई, वो उसके बाद कांग्रेस कायम नहीं रख पाई। यही वजह रही कि लगातार पिछले चार चुनाव कांग्रेस जालोर सीट पर हारती आ रही है।

इसी के चलते कांग्रेस ने एक बार फिर से चेहरा बदलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालोर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित किया है। बीते चुनाव में वैभव जोधपुर सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। इस कारण इस बार इन्हें जालोर सीट पर मौका दिया गया है। वैभव के सामने भाजपा पहले ही लुम्बाराम चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।ऐसे में यहां स्थानीय व बाहरी का मुद्दा चर्चा में है।

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कांग्रेस के गढ़ पर बीजेपी का कब्जा

जालोर सीट अनुसूचित जाति आरक्षित होने तक यहां पर सरदार बूटासिंह ने कांग्रेस से कई बार चुनाव लड़ा और जीतकर देशभर में पहचान बनाई, लेकिन वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस के हाथ से गई जालोर सीट वापस कांग्रेस हासिल नहीं कर पाई है। यहां 2004 में सुशीला बंगारू ने कांग्रेस के बूटासिंह को हराया था, देश में सरकार कांग्रेस की बनी थी, लेकिन जालोर सीट कांग्रेस के बूटासिंह नहीं जीत पाए थे, उसके बाद परिसीमन में सामान्य हुई सीट पर भाजपा से देवजी एम पटेल लगातार तीन बार जीते।

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कांग्रेस ने हर बार अपना उम्मीदवार बदला, लेकिन विजयी नहीं मिली। 2009 में संध्या चौधरी, 2014 में उदयलाल आंजना व 2019 में रतन देवासी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन कोई भी जीत नहीं पाया। इस कारण कांग्रेस ने लगातार चार हार के बाद इस बार फिर से चेहरा बदला है और वैभव गहलोत को उम्मीदवार घोषित किया है। वैभव भाजपा को कितनी टक्कर दे पाते है यह तो आने वाले परिणाम से ही पता चल पाएगा, लेकिन यहां स्थानीय व बाहरी का जो मुद्दा है उसे भुनाने में भाजपा पीछे नहीं है।

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जोधपुर में मुश्किलें दिखी तो जालोर आए वैभव

दरअसल वैभव गहलोत का वर्ष 2019 में भी जालोर से नाम चला था। उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, वैभव को जालोर के बजाय जोधपुर से उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन वहां वैभव हार गए। उसके बाद इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर सीट पर मुश्किलें देखी, इसे देखते हुए वैभव गहलोत को जालोर सीट से उतारने का निर्णय किया, हालांकि यहां से जितने भी सर्वे व फीडबैक गए उसमें वैभव की स्थिति कमजोर बताई गई, लेकिन जोधपुर सीट की बजाय कांग्रेस ने जालोर सीट वैभव गहलोत के लिए मजबूत मानी। कांग्रेस ने दूसरी सूची में जालोर सीट से वैभव गहलोत को उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा की है।

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सभी जातियों से समझाइश के प्रयास

वैभव गहलोत को जालोर सीट पर उतारने को लेकर अशोक गहलोत ने सभी जातियों से पहले ही समझाइश के प्रयास किये। उन्होंने अपने सिपहसालार धर्मेंद्र राठौड़ को भेजकर संसदीय क्षेत्र के राजपूत समाज के बड़े घरानों से बातचीत की। साथ ही अलग अलग समाजों के प्रतिनिधि मंडलों से स्वयं अशोक गहलोत ने जयपुर में मुलाकात कर सहयोग का निवेदन किया। अब घोषणा के बाद वैभव जालोर सीट पर समीकरण अपने पक्ष में कैसे कर पाते है, यह आने वाले समय मे ही पता चल पाएगा।

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