जालोर. सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि पर रविवार को राजकीय सावित्री बाई फुले कन्या छात्रावास में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री डॉ मंजु मेघवाल ने सावित्री बाई फुले की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सावित्री बाई फुले को भारत की पहली महिला शिक्षिका होने का श्रेय जाता है।
उन्होंने यह उपलब्धि तब हासिल की, जब महिलाओं का शिक्षा ग्रहण करना तो दूर की बात थी, उनका घर से निकलना भी मुमकिन नहीं था। सावित्री बाई फुले भारत की ऐसी पहली महिला शिक्षिका थी, जिन्हें दलित लड़कियों को पढ़ाने पर लोगों द्वारा पत्थर फेंके गए पत्थर और कीचड़ का सामना करना पड़ा। मगर उन्होंने हर मुश्किल का डटकर मुकाबला किया।
एडवोकेट भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश सोलंकी ने छात्राओं को सावित्रीबाई फुले के संस्कारों को ग्रहण करने की बात की। उन्होंने बताया कि महिला अधिकार के लिए संघर्ष करके सावित्री बाई ने जहां विधवाओं के लिए एक केन्द्र की स्थापना की, वहीं उनके पुनर्विवाह को लेकर भी प्रोत्साहित किया। एडवोकेट नगर महामंत्री दिनेश महावर ने बताया कि सावित्री बाई फुले ने पुणे में प्लेग रोग के दौरान मरीजों की सेवा कर मानवता का परिचय दिया। वहीं अर्जुन सिंह कहा कि सावित्री बाई फुले जी जब स्कूल जाती थी तो तब लोगों द्वारा उन पर पत्थर फेंके गए फिर भी उस समस्या का मुकाबला सामना किया। उर्मिला दर्जी ने अतिथियों का धन्यवाद आभार प्रकट किया और छात्राओ को सावित्रीबाई फुले के पद चिन्हों पर चल कर आगे बढ़ने की बात की। इस अवसर पर मानसिंह सिसोदिया, राम प्रकाश खब्बानी, भागीरथ गर्ग, निरमा बोस, भावना, उर्मिला, गुड्डी, सहित अन्य छात्राएं उपस्थित रही।