- वराडा में क्षत्रिय स्नेहमिलन समारोह का आयोजन
दिलीप डूडी, जालोर. जालोर जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष लालसिंह राठौड़ धानपुर के नेतृत्व में शुक्रवार को जालोर सीमा पर वराडा (सिरोही) में क्षत्रिय स्नेहमिलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में वक्ताओं ने जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र में दोनों दलों की ओर से समाज की राजनीतिक रूप से अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही समाज को ईडब्ल्यूएस में विसंगतियों को दूर करने की भी मांग रखी।
इस दौरान सम्बोधित करते हुए जालोर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष लालसिंह राठौड़ ने कहा कि राजपूत समाज एकजुट है। राजनीतिक दलों व कुछ स्वार्थी लोगों ने राजपूत, भोमिया राजपूत व रावणा राजपूतों को अलग अलग बांट रखा है। उन्होंने कहा कि राजपूत व भोमिया राजपूतों में कोई भिन्नता नहीं है। रावणा राजपूत सदैव हमारा साथ देता रहा है। हमारा वोटबैंक भी काफी है, फिर भी राजनीतिक दल अनदेखी करते है। उन्होंने कहा कि एक दल टिकट दे चुका है। दूसरे में कांग्रेस अगर राजपूत समाज को टिकट नहीं देगी तो हमें हुंकार भरनी पड़ेगी। लालसिंह ने कहा कि भले मुझे नहीं तो उमसिंह राठौड़ को टिकट दे दे, लेकिन किसी बाहरी को यहां प्रत्याशी बनाया तो वे निर्दलीय ताल ठोकेंगे।
उन्होंने कहा कि वे किसी दल से डरने वाले नहीं है, उन पर पूर्व में सरकारों ने दबाव बनाने के लिए आयकर की छापेमारी करवाई थी, लेकिन कुछ गलत मिला ही नहीं। हम हमारा हक मांग रहे है, राजनीतिक रूप से हमारा समाज जो तय करेगा वो निर्णय हम लेंगे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दोनों जिलों के सभी राजपूत समाज बन्धु उपस्थित रहे।
क्षत्रियों को एकजुट होने की जरूरत
शिवगंज के पूर्व प्रधान दलीपसिंह मांडाणी ने सम्बोधन में नागौर के नेता स्व. नाथूराम मिर्धा की कही बात का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी एकजुट होकर जोर लगाओगे तो दिल्ली जाने से कोई रोक नहीं सकता। दिलीपसिंह ने कहा कि राजपूत समाज के नेताओं ने सामाजिक न्याय की बात की थी, हमारी मेहनत का ही नतीजा है कि आज अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, ओटाराम देवासी आदि मंत्री बने है। सामाजिक समानता की हमारी भी मांग थी, लेकिन अब हमें ही राजीनीतिक रूप से पिछड़ा किया जा रहा है, इसलिए समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है। सिरोही के पूर्व प्रधान नीतिराजसिंह देवड़ा ने कहा कि राजनीतिक रूप से जागरूकता जरुरी है। युवा पीढ़ी राजनीति में आगे आएं। व्यक्ति चाहे किसी भी राजनीतिक पार्टी में हो, लेकिन समाज सर्वोपरि होना चाहिए।
जालोर के पूर्व उपप्रधान बजरंगसिंह ने कहा समाज में एकता की कमी से हम पीछे रह रहे हैं, अब चेतना होगा। क्षत्रिय में बिखराव यहां देखा है, इस राजनीति ने भाइयों को ही बांट दिया, अब एक जाजम पर आकर साथ मिलकर चलना होगा। जयेंद्रसिंह गलथनी ने कहा कि अपने हक की लड़ाई के लिए मुखर होना जरुरी है। दोनों राजनीतिक पार्टियां टिकट नहीं दे रही है, इस बात पर हमें सोचना होगा। हमारी आरक्षण की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है।आरक्षण के नाम पर कुछ नहीं दिया है। सिर्फ कागजों में ही आरक्षण दिया गया है। ईडब्ल्यूएस का धरातल पर कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है। योगेंद्रसिंह कुंपावत ने केंद्र और राज्य सरकार से ईडब्ल्यूएस के सरलीकरण की मांग की। कुंपावत ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के वास्तविक हकदारों को भी ईडब्ल्यूएस का लाभ नहीं मिल रहा है। इस दौरान दिलीपसिंह मंडानी, बजरंगसिंह बागरा, तेजसिंह रसियावास, प्रेमसिंह मायलावास, ईश्वरसिंह भवरानी, नटवरसिंह रावना राजपूत, विक्रमसिंह, रूपसिंह, दशरथसिंह, चंदनसिंह,सुमेरसिंह, कल्याणसिंह, शैतानसिंह गलथनी, गजेंद्रसिंह डोडियाली, भंवरसिंह कवला, पूरनसिंह बागसीन, राजूसिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।