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वीआईपी बनकर जालोर आए वैभव निराश होकर लौटे, माहौल देख मुश्किल हो सकता है मुकाबला

  • जालोर संसदीय सीट पर भाग्य आजमाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत दो दिन के दौरे पर रहे जालोर

दिलीप डूडी, जालोर. वीआईपी बनकर चुनावी जमीन भांपने जालोर आए वैभव गहलोत सोमवार को वापस लौट गए। बताया जा रहा है कि जिस उत्सुकता के साथ वे यहां आए थे, वैसा माहौल नहीं मिलने के कारण उन्हें निराशा हुई। आपको बता दे कि वर्ष 2019 में जोधपुर सीट पर हार से डरे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालोर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यहां से जितने भी फीडबैक गए है, उनमें वैभव को कमजोर उम्मीदवार ही बताया गया है, स्थानीय की मांग हावी रही है। इसके बावजूद एक धड़ा जिद्द कर रहा है कि वैभव गहलोत को जालोर सीट से चुनाव लड़वाया जाए। इसके तहत वैभव गहलोत शनिवार को जालोर पहुंचे। यहां उन्होंने दो शादी कार्यक्रम में शिरकत की और कार्यकर्ताओं से भी मिले, लेकिन जो रेस्पॉन्स मिलना चाहिए वैसा उन्हें नहीं मिल पाया। सोमवार को वो सुंधाजी के दर्शन कर आबूरोड होते हुए जयपुर निकल लिए।

पार्टी पदाधिकारियों ने भी माहौल को पक्ष में नहीं बताया

सूत्रों के मुताबिक इससे पहले जो सर्वे व फीडबैक गए उनमें भी पार्टी पदाधिकारियों ने मेहनत की जरूरत बताई, उनका कहना था कि बीते पांच साल में कांग्रेस सरकार रही, यहां उनका सम्पर्क नहीं रहा। जिस कारण लोगों में आकर्षण नहीं रहा। रविवार को सर्किट हाउस में वैभव गहलोत से मिलने जो भी पहुंचा, उन्होंने भी फीडबैक में यहां कांग्रेस को कमजोर बताया। इस कारण वैभव गहलोत असमंजस की स्थिति में वापस लौटे है। बताया जा रहा है कि इस प्रकार के फीडबैक से वैभव गहलोत स्वयं जालोर सीट से पीछे हट सकते है।

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वैभव के दौरे की जयपुर गई पल पल रिपोर्ट

राजस्थान में कांग्रेस अन्य सीटों की बजाय वैभव गहलोत को स्थायी शिफ्ट करने की अधिक मशक्कत कर रही है। बताया जा रहा है कि वैभव गहलोत लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो जालोर सीट से ही लड़ेंगे अन्यथा कहीं नहीं लड़ेंगे। ऐसे में जालोर सीट पर माहौल बनाने को लेकर प्रयास किये जा रहे है। यहां वैभव गहलोत के दौरे के दौरान पल पल की रिपोर्ट जयपुर व कांग्रेस कार्यालय में पहुंच रही थी, लेकिन यहां का रेस्पॉन्स संतुष्टिपूर्ण नहीं होने के कारण आगामी कांग्रेस की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा सकते है।

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भाजपा के उम्मीदवार को देख नए नामों पर चर्चा

वैभव गहलोत के दौरे के दौरान रेस्पॉन्स ठीक नहीं मिलने के बाद स्थानीय उम्मीदवार को लेकर दो नए नामों पर चर्चा शुरू हुई है। यहां भाजपा ने सिरोही के पूर्व जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है और वैभव के पक्ष में विशेष माहौल तैयार नहीं होने के कारण अब कांग्रेस के संगठन से जुड़े दो नए चेहरों पर चर्चा शुरू हुई है। जातीय संतुलन बिठाने की कोशिश में एक देवासी समाज तथा एक राजपूत समाज से युवा चेहरा बताया जा रहा है। हालांकि अंत में निर्णय किसके पक्ष में होगा, यह तो कांग्रेस पार्टी ही तय करेगी, लेकिन पार्टी इस बार राजस्थान में सीटें जीतने को लेकर भरसक मंथन कर रही है। ऐसी स्थिति में जालोर सीट पर किसी नाम पर एकराय नहीं होने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी जालोर सीट पर संभावना बन सकती है।

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