- जिला स्तरीय अहिंसा एवं कौमी एकता सम्मेलन सम्पन्न
जालोर. राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान करना हमारी संस्कृति है इसलिए हमें सर्वधर्म सद्भाव को जीवन में उतारते हुए आपसी प्रेम व सौहार्द बनाकर रहना चाहिए। उन्होंने शान्ति एवं अहिंसा के पुरातन भारतीय दर्शन की व्याख्या करते हुए सहिष्णुता के भाव को जीवन में उतारने की बात कही।
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग मंगलवार को नगर परिषद टाउन हॉल में शांति एवं अहिंसा निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित जिला स्तरीय अहिंसा एवं कौमी एकता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करना है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा अहिंसा एवं कौमी एकता के लिए 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत इस प्रकार के आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि भारत की संस्कृति सभी धर्मों के प्रति आदर भाव रखने की सीख देती है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जोगेश्वर गर्ग व विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर परिषद के सभापति गोविन्द टांक, तहसीलदार हंसराज राठौड़ सहित अतिथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का विधिवत् का आगाज किया।
सम्मेलन के प्रारंभ में व्याख्याता संदीप जोशी ने अहिंसा पर विभिन्न धर्मों के विचार पर विस्तृत जानकारी देते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांतों के साथ विभिन्न धर्मों में अहिंसा के महत्व पर विचार रखें। राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. वगताराम चौधरी ने कौमी एकता तथा वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता, सहायक आचार्य कृष्णा देवल ने राष्ट्रीय एकता में युवाओं की भूमिका पर तथा सेवानिवृत अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी मुकेश सोलंकी ने विविधता में एकता का प्रतिमान-भारत का संविधान विषय पर व्याख्यान दिया।
सम्मेलन में जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक संग्रामराम देवासी, नगर परिषद के डीपीएम नरेन्द्र कुमार व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के महेश गर्ग ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर जानकारी दी। वहीं अजीज प्रेमजी फाउण्डेशन के नितेश वर्मा ने अहिंसा एवं कौमी एकता पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विक्रम पुरी ने ‘‘यह तो सच है कि भगवान है……’’, ‘‘पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जायेगा……’’ व ‘‘कहाँ तक यह मन को ये अंधेरे छलेंगे……’गीत एवं भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी।
धर्माचार्यों ने दिया शांति एवं कौमी एकता का संदेश
सम्मेलन के द्वितीय सत्र में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख व ईसाई धर्म से जुड़े धर्मगुरूओं ने अपने-अपने धर्म में शांति एवं कौमी एकता के संदेश के बारे में विचार व्यक्त करते हुए प्रेम व भाईचारे के साथ आपसी सौहार्द रखने की बात कही। उन्होंने एकता में अखण्डता की मूल भावना के साथ राष्ट्र के लिए सदैव तैयार रहने का संदेश दिया।
समारोह में राकेश शास्त्री, मौलाना नियाज अहमद, सरदार सुप्रीतसिंह व फादर बीबीन ने सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ अहिंसा एवं कौमी एकता पर अपने-अपने धार्मिक विचार व्यक्त किए। महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम विद्यालय शिवाजी नगर जालोर की बालिकाओं ने ‘‘तू ही राम है, तू रहीम है…..’’ के माध्यम से कौमी एकता का संदेश दिया।
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रताप चौक जालोर की बालिकाओं ने वंदे मातरम् गीत की प्रस्तुति दी। समारेह के अंत में जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक भैराराम चौधरी ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन नरपत आर्य व नूर मोहम्मद ने किया। कार्यक्रम के पश्चात् जिला शिक्षाधिकारी भैराराम चौधरी व सेवानिवृत एडीईईओ मुकेश सोलंकी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर पार्षद दिनेश महावर व देवाराम प्रजापत, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक अशोक विश्नोई, रसद विभाग की प्रवर्तन निरीक्षक नमिता नारवाल, सहायक लेखाधिकारी पीराराम सोनी, अम्बिका प्रसाद तिवारी, हिरालाल प्रजापत, सुरेश नागर, शैलजा माथुर, लता मुकेश, आरिफ खोखर सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी सहित प्रतिभागी उपस्थित रहे।