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बच्चों को मोबाइल के उपयोग से सम्भवत: दूर रखें

जालोर. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्धता आदर्श शिक्षण संस्थान जालोर द्वारा संचालित खारा रोड़ स्थित आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक आहोर में अभिभावक सम्मेलन सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित व्यवसायी मगनाराम प्रजापत , अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रकाशचन्द्र चौधरी, विशिष्ट अतिथि जवानमल पूनमचंदजी लखावत जैन चांदराई, मुख्यवक्ता जिला सचिव आदर्श शिक्षण संस्थान, जालोर अजय कुमार गुप्ता , जिलाध्यक्ष आदर्श शिक्षण संस्थान जालोर कुशलराज सुथार, ने मां सरस्वती व मां भारती, के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर के किया गया। संस्था प्रधान निर्मल सिंह भाटी ने उपस्थित अतिथिगणों का परिचय, एवं स्वागत करवाया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अजय कुमार गुप्ता ने बताया की भारत एक जमीन का टुकड़ा नहीं अपितु पुण्य भूमि हैं। जहां पर देवता भी अवतार हेतु लालायित रहते हैं । हम अपनी परंपराओं, विरासत को भूल गए हैं और पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने लग गए हैं । जो हमारे परिवार, समाज, राष्ट्र, के लिए घातक हैं। संस्कार के बिना शिक्षा भी अपूर्ण है इसी भाव को जागृत करने के लिए विद्या भारती संस्थान के विद्या मंदिर सम्पूर्ण देश भर में शिक्षा सेवा ,संस्कार, से युक्त देश भक्त युवा पीढ़ी के निर्माण के लिए विद्या मंदिर संचालित किए जा रहे हैं। ये विद्यालय समाज द्वारा पोषित हैं जिसमें शिक्षण विषय के अतिरिक्त पांच आधारभूत विषयों का भी अध्ययन करवाया जाता हैं।

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कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र चौधरी ने सनातन संस्कृति का महत्व बताया हैं तथा उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को मोबाइल के उपयोग से सम्भवत: दूर रखें। साथ ही विद्यालय द्वारा भैया बहिनों में राष्ट्र भक्ति की भावना का बीजारोपण करने के लिए संस्था की सराहना की। विद्यालय बहिन ट्विंकल कंवर ने बालक के चरित्र निर्माण पर काव्यगीत प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि जवानमल पूनमचंद लखावत जैन ने कहा कि अभिभावक जागरूक रहे तो बालक का विकास संभव है। विद्यालय में बालक जो सीखता है वह संपूर्ण जीवन में नहीं सीखता है। बालक एवं विद्यालय के मध्य कड़ी अभिभावक है। अभिभावक को बालक के पढ़ाई का पूर्ण ध्यान रखना चाहिए। बालक की पढ़ाई के लिए अनुशासन जरुरी है। अनुशासन बालक विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक से भी सिखाता है।

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आदर्श शिक्षण संस्थान जिलाध्यक्ष कुशल राज सुथार ने कहा कि शिक्षा मानव का निर्माण करती है। बालक घर का सदस्य होने के साथ में देश की धरोहर है। संस्कारों के अभाव में जब ज्ञान शून्य हो जाता है, तो पढ़ा लिखा व्यक्ति भी गलत आचरण करता है। छोटे बालकों को गीता,रामचरित मानस,अच्छी पत्र-पत्रिकाओं का पठन करवाएं । बालकों को शिक्षा के साथ संस्कारवान बनाने में जितनी भूमिका शिक्षकों की होती हैं, उतनी ही माता- पिता की होती है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भामाशाह मगनाराम प्रजापत ने 1 कमरा विद्या मंदिर में बनाने की घोषणा की । समिति सदस्य कैलाश बाबू सैन ने उपस्थित अभिभावकों का आभार प्रकट किया। अंत में शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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इस अवसर पर समिति व्यवस्थापक कुशल राज प्रजापत,उपाध्यक्ष डॉ. नंदलाल दवे, छोगाराम चौधरी, नेमीचंद गेहलोत , लखमाराम मारू , कानाराम देवासी, चांदराई प्रधानाचार्य चंपालाल राठौड़, माधोपुरा, प्रधानाचार्य जयंतीलाल प्रजापत, जिला सह संवाददाता आदर्श शिक्षण संस्थान रमेश कुमार दर्जी,सहित सैकड़ों अभिभावकों सहित आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य योगेश व्यास ने किया ।

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