जालोर. श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव के तहत गुरुवार को कई आयोजन हुए। मीडिया प्रभारी कुलदीप प्रियदर्शी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रातः 8 बजे गुरुभगवन्तों के सान्निध्य में क्षत्रियकुण्ड नगरी में साध्वी परार्थप्रिया के 81 वें आयम्बिल एवं उनकी माताजी धर्मपरायणा तपस्विनी गुणीबेन रमेशकुमार वोरा-थराद-सूरत के 500 आयम्बिल के पारणा निमित्त वोहरने पधारे। 8.30 बजे गच्छाधिपति एवं आचार्यदेव बाजते गाजते मुमुक्षु के आवास चैन्नई भवन व एम. वी. अन्दाणी भवन धर्मशाला में पगलिए एवं मुमुक्षुओं का वोहरने पधारना हुआ।
गुरुभगवन्तों एवं सकल श्रीसंघ के साथ 10 बजे मुमुक्षु भव्याकुमारी अदाणी, निमाबेन देसाई, रविनाकुमारी सोलंकी तीनों मुमुक्षुओं का वर्षीदान का भव्य वरघोड़ा तीर्थ परिसर से 5 हाथी, घोड़े, सुसज्जित बग्घी, बैण्ड की स्वरलहरियों के साथ, विभिन्न प्रान्तों की नृत्य मण्डलियों के आकर्षक नृत्य के साथ प्रारम्भ हुआ जो भाण्डवपुर मुख्य मार्ग से होता हुआ श्री वर्धमान-राजेन्द्र माध्यमिक विद्यालय में पहुँचा। सम्पूर्ण मार्ग में मुमुक्षुओं ने मुक्त हाथों से वर्षीदान किया। विद्यालय में मुमुक्षुओं द्वारा दानशाला के माध्यम से अन्न और वस्त्र वितरण किया गया। हजारों की संख्या में सजे-धजे श्रद्धालुओं ने वरघोड़े में उत्साह एवं उमंग के साथ सम्पूर्ण मार्ग को जयघोष से गुँजायमान कर दिया। श्री राजेन्द्र जैन महिला परिषद् की सदस्याओं ने जैन ध्वज लहराते हुए स्वागत किया।
महोत्सव के ग्यारहवें दिन दिनांक 15 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त क्षत्रियकुण्ड नगरी में गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर महाराज, भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर महाराज, विमलगच्छाधिपति आचार्य प्रद्युम्नविमलसूरीश्वर महाराज, आचार्य नरेन्द्रसूरीश्वर महाराज आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की निश्रा में प्रभु का राज्याभिषेक एवं लोकान्तिक देवों के द्वारा प्रभु से धर्म की स्थापना करने हेतु संयम की विनन्ती की गई। प्रभु की बहिन बनने का लाभ सकूदेवी साँकलचन्द हुकमाणी-पाँथेड़ी ने लिया।
श्री महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), श्री वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), श्री तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा आयोजित प्रतिष्ठोत्सव में आज गच्छाधिपति नित्यसेनसूरि महाराज एवं आचार्यदेव जयरत्नसूरि महाराज द्वारा थराद निवासी मुमुक्षु विमलाबेन अरविन्दभाई देसाई को दीक्षा मुहूर्त्त प्रदान किया गया। मुमुक्षु की दीक्षा 16 फरवरी 2024 को सामूहिक दीक्षा के अन्तर्गत होगी। गुरुवार प्रातः प्रतिष्ठोत्सव में आचार्य हेमेन्द्रसूरीश्वर महाराज के शिष्य मुनिराज चन्द्रयशविजय महाराज आदि ठाणा का पदार्पण तीर्थ परिसर में हुआ। तीर्थ परिसर में जिनालय आदि पर हेलीकोप्टर से पुष्पवृष्टि करने का लाभ श्रीमती मोहनदेवी साँवलचन्दजी बालगोता परिवार-मेंगलवा ने लिया। मुमुक्षुओं ने भी हेलीलकोप्टर से पुष्पवृष्टि की। दोपहर में श्री पंचतीर्थ पूजा जुहारमल कीनाजी संकलेचा-मेंगलवा की ओर से संगीत की मधुर धुनों के साथ विधिकारक चेतन जैन द्वारा पढ़ाई गई।
प्रातः की नवकारसी माँगीलाल अनाजी पालगौता-चौहान-राजनगर (ऊनड़ी) की ओर से, दोपहर की नवकारसी लादाजी संकलेचा-मेंगलवा एवं सायं की नवकारसी छोगाजी संकलेचा-मेंगलवार की ओर से हुई | सायं कुमारपाल महाराजा की आरती का लाभ मोहनदेवी साँवलचन्द बालगोता-मेंगलवा ने लिया। आयोजन में प्रभावना बाबूलाल मानमल ओबाणी-पोषाणा, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की चित्ताकर्षक अंगरचना कैलाशकुमार मीठालाल ओबाणी-पोषाणा एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी लसुदेवी पुखराज ओबाणी-पोषाणा की ओर से की गई। प्रतिष्ठोत्सव में नाहर चिकित्सालय-भीनमाल एवं डॉ. विपुल बम्ब-झालोद वैयावच्च चिकित्सालय के माध्यम से अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं |