- सौधर्म इन्द्र के साथ मेरुपर्वत पर 64 इन्द्रों द्वारा अभिषेक
- पुण्य-सम्राटश्री ने त्रिस्तुतिक संघ को उच्च शिखर तक पहुँचाया-जयरत्नसूरि
जालोर. श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का आयोजन जयन्तसेनसूरीश्वर के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ दिनांक 5 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जा रहा है |
मीडिया प्रभारी कुलदीप प्रियदर्शी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर के मंगलाचरण के साथ भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर महाराज, विमलगच्छाधिपति आचार्य प्रद्युम्नविमलसूरीश्वर महाराज, आचार्य नरेन्द्रसूरीश्वर महाराज आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभनिश्रा में क्षत्रियकुण्ड नगरी में मेरु महोत्सव के अन्तर्गत सौधर्म इन्द्र आदि 64 इन्द्रों द्वारा चतुर्विध संघ के साथ शोभायात्रा में नृत्य करते हुए मेरु पर्वत पर जाकर भावपूर्वक मनाया गया | 64 इन्द्र बनने का लाभ लाभार्थियों ने उल्लास के साथ लिया।
श्री महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), श्री वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), श्री तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा सम्पादित होने वाले इस प्रतिष्ठोत्सव के निमित्त प्रतिदिन नयनाभिराम रंगोली, चित्र प्रदर्शनियाँ, गुफा में महावीरस्वामी एवं राजेन्द्रसूरि की चित्र प्रदर्शनी जगच्चन्द्रविजय महाराज के निर्देशन में बनाई गई | जिसकी प्रशंसा अवलोकन करने वाले सभी श्रद्धालुजन कर रहे हैं | महोत्सव के सातवें दिन दिनांक 11 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त मेरु महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम इन्द्र-इन्द्राणी द्वारा 250 अभिषेकों के साथ तीर्थ परिसर में बनाए गए मेरु पर्वत पर किया गया | हरिणगमैषी इन्द्र बनने का लाभ अशोककुमार जेठमल बागरेचा-जीवाणा ने, अच्युतपति इन्द्र बनने का लाभ हस्तीमल गणेशमल कंकूचौपड़ा-मेंगलवा ने, ईशान इन्द्र बनने का लाभ बाबूलाल वस्तीमल रणछोड़ बागरेचा-मेंगलवा ने एवं कुबेर देव बनने का लाभ महेन्द्रकुमार जेठमल भण्डारी-सुराणा ने लिया।
दोपहर में प्रभु के अठारह अभिषेक संगीत की स्वरलहरियों के साथ लाभार्थी परिवार जुगराज मुनीलाल ओबाणी-मेंगलवा द्वारा किया गया। प्रातः की नवकारसी सोमतमल पारसमल मुणोत-तिलोड़ा की ओर से, दोपहर की नवकारसी मीठालाल नेनमल संकलेचा-मेंगलवा की ओर से एवं सायं की नवकारसी सुमेरमल जुगराज-पाँथेड़ी की ओर से होगी। मुमुक्षु भव्याकुमारी अदाणी, निमाबेन देसाई, रविनाकुमारी सोलंकी तीनों मुमुक्षुओं का भाण्डवपुर महातीर्थ में प्रातः बैण्ड-बाजों के साथ पदार्पण हुआ। तीनों मुमुक्षु दिनाकं 16 फरवरी 2024 को गुरुभगवन्तों के वरद्हस्तों से महातीर्थ में भागवती प्रव्रज्या अंगीकार करेंगी।
आयोजन में प्रभावना शान्तिदेवी छतरचन्द झोटा-दाधाल, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना सूरजमल छगनराजजी हंजारीमल ओबानी-पाँथेड़ी एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी संजयकुमार भानमल मुलतानमल बाफना-पाँथेड़ी की ओर से हुई।
सायं कुमारपाल महाराजा की आरती का लाभ राजरतन ग्रुप-अहमदाबाद ने लिया। आरती के पश्चात् अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार दिलीप बाफना ने भक्ति रस बरसाते हुए सभी गुरुभक्तों को आनन्दित कर दिया। राज परिवार में बने कलाकारों को सजाने-सँवारने का कार्य सुनिता गोधा-नीमच ने किया।
सोमवार को ये होंगे आयोजन
महोत्सव आठवें दिन दिनांक 12 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त भगवान का नामकरण, पाठशालागमन कार्यक्रम राजदरबार में सजीव मंचन होगा। दोपहर में श्री जिनेन्द्र पंचकल्याणक पूजा संगीत की मधुर स्वरलहरियों के साथ लाभार्थी परिवार द्वारा पढ़ाई जायेगी। प्रातः की नवकारसी, दोपहर की नवकारसी एवं सायं की नवकारसी लाभार्थी परिवार की ओर से होगी।आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भी होगी।