जालोर. श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का आयोजन जयन्तसेनसूरीश्वर के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ दिनांक 5 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जा रहा है |
मीडिया प्रभारी कुलदीप प्रियदर्शी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर के मंगलाचरण के साथ भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर महाराज, विमलगच्छाधिपति आचार्य प्रद्युम्नविमलसूरीश्वर महाराज, आचार्य नरेन्द्रसूरीश्वर महाराज आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभनिश्रा में क्षत्रियकुण्ड नगरी में प्रभु का जन्मकल्याणक एवं 56 दिक्कुमारी महोत्सव प्रारम्भ हुआ |
महोत्सव छठे दिन दिनांक 10 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त गुरु भगवन्तों के मुखारबिन्द से श्रावक-श्राविकओं ने जिनवाणी का श्रवण किया | सभा में आचार्य नरेन्द्रसूरि महाराज ने प्रवचन फरमाते हुए कहा कि मनुष्य गति ऐसी है जिसमें परमात्मा की भक्ति से मुक्ति मिल सकती है | तीर्थ में होने वाले प्रत्येक अनुष्ठान हमें परम शान्ति, परम समाधि व परम सत्य दिलाने वाले हैं |
भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यप्रवर ने जीवदया पर बल देते कहा कि हम अहिंसा के पुजारी हैं और हमें मुक्तहाथों से मूक प्राणियों पर दया भाव रखते हुए अपनी सुकृतलक्ष्मी का सदुपयोग करना चाहिए | मुम्बई से उग्र विहार करके आज पधारे मुनिराज जिनागमरत्नविजय महाराज ने बताया कि संकल्प एक होता है और विकल्प अनेक होते हैं | आत्मकल्याण के लिए यह तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव आया है | जिनशासन बहुमान के लिए है व्यापार के लिए नहीं है |
जिनशासन के सुप्रसिद्ध विधिकारक सत्यविजय हरण एवं त्रिलोकभाई मोदी, कुणालभाई आदि के द्वारा राज दरबार में प्रभु का जन्मकल्याणक के पश्चात् 56 दिक्कुमारी महोत्सव आचार्यदेव जयरत्नसूरि महाराज द्वारा मन्त्रोच्चार करते हुए सूरत से आए कलाकारों द्वारा संगीत की मधुर धुनों के साथ मनमोहक प्रस्तुतियों द्वारा किया गया। राजदरबार में प्रभु जन्म बधाई यतीन्द्रभाई डान्स ग्रुप द्वारा सुन्दर नृत्य करते हुए दी गई। परमात्मा को इन्द्राणी द्वारा तिलक मन्त्रोच्चार के साथ किया गया।
सभा में गच्छाधिपति नित्यसेनसूरि महाराज एवं आचार्य जयरत्नसूरि महाराज आदि गुरु भगवन्तों से बड़ी दीक्षा एवं श्री यतीन्द्रसूरी एवं जयन्तसेनसूरि की प्रतिमा की प्रतिष्ठा के लिए दाधाल श्रीसंघ ने विनन्ती की। जिसे स्वीकारते हुए गच्छाधिपति ने मुहूर्त्त प्रदान किया। सुराणा संघ ने भी गुरुभगवन्तों को पधारने हेतु विनन्ती की।
दोपहर में क्रिया मण्डप में श्री मुनिसुव्रतस्वामी अष्टप्रकारी पूजा कमलेशकुमार माँगीलाल कपूरचन्द बालगोता-मेंगलवा की ओर से संगीतकार द्वारा पढ़ाई गई। प्रातः की नवकारसी माँगीलालजी काँकरिया-सुराणा की ओर से, दोपहर की नवकारसी ललितकुमार छतरचन्द झोटा-दाधाल की ओर से एवं सायं की नवकारसी जुहारमल कीनाजी संकलेचा-मेंगलवा की ओर से हुई।
सायं कुमारपाल महाराजा की आरती का लाभ श्रीमती भागुदेवी जीतमल छत्रियावोरा-सुराणा ने लिया। आरती के पश्चात् भक्ति संध्या में संगीतकार राजूभाई विजयवर्गीय द्वारा प्रभु-गुरु भक्ति की गई। आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना श्रीमती सुआबाई ताराचन्द झोटा-दाधाल, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम चित्ताकर्षक अंगरचना मातुश्री बगीबाई घेवरचन्द रघुनाथमल मुणोत-तिलोड़ा एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भानमल मुलतानमलजी बाफना-पाँथेड़ी की ओर से हुई |
रविवार को ये होंगे के आयोजन
महोत्सव के सातवें दिन दिनांक 11 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त मेरु महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम इन्द्र-इन्द्राणी द्वारा 250 अभिषेकों के साथ किया जायेगा। दोपहर में प्रभु के अठारह अभिषेक संगीत की स्वरलहरियों के साथ लाभार्थी परिवार द्वारा किया जायेगा। प्रातः की नवकारसी, दोपहर की नवकारसी एवं सायं की नवकारसी लाभार्थी परिवार की ओर से होगी।
आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भी होगी | विशेष- मुमुक्षु भव्याकुमारी अदाणी, निमाबेन देसाई, रविनाकुमारी सोलंकी तीनों मुमुक्षुओं का भाण्डवपुर महातीर्थ में आज प्रातः 6 बजे पदार्पण होगा | जो दिनांक 16 फरवरी 2024 को दीक्षा ग्रहण करेंगी |