जालोर. श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का आयोजन के तहत शुक्रवार को कई धार्मिक अनुष्ठान हुए।
मीडिया प्रभारी कुलदीप प्रियदर्शी ने बताया कि गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर के मंगलाचरण के साथ भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर महाराज, विमलगच्छाधिपति आचार्य प्रद्युम्नविमलसूरीश्वर महाराज, आचार्य नरेन्द्रसूरीश्वर महाराज आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभनिश्रा में क्षत्रियकुण्ड नगरी में च्यवन कल्याणक प्रारम्भ हुआ।
महोत्सव के पाँचवें दिन 9 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त भगवान महावीर का च्यवन कल्याणक का सुन्दरतम नयनाभिराम आयोजन सूरत के कलाकारों द्वारा मंचन हुआ। जिसमें कुण्डलपुर के महाराज श्रीसिद्धार्थ के राजदरबार का परिचय कराते हुए माता त्रिशला को आए 14 स्वप्नों का दिग्दर्शन नन्हीं-नन्हीं बालाओं द्वारा मनमोहक नृत्य के साथ कराया गया। प्रभु के पुण्यवन्त परिवार में माता-पिता बनने का लाभ माणकचन्द छोगाजी बालगोता-मेंगलवा ने, इन्द्र-इन्द्राणी बनने का लाभ संघवी मातुश्री मोहनदेवी साँवलचन्द बालगोता-मेंगलवा ने, प्रधानमन्त्री बनने का लाभ किशोरकुमार साँवलचन्द मादाजी बालगोता-मेंगलवा ने, राज-ज्योतिषी बनने का लाभ किशोरकुमार साँवलचन्द मादाजी बालगोता-मेंगलवा ने, नगर सेठ बनने का लाभ जयन्तीलाल गुणेशमल प्रागाणी संकलेचा-मेंगलवा ने, खजांजी बनने का लाभ चन्दनमल नेनमल संघवी-मेंगलवा ने, सेनापति बनने का धनराज नेनमल संघवी-आलासन ने, प्रियवन्दा दासी बनने का लाभ पारसमल मिश्रीमल संघवी-दादाल ने, छड़ीदार-1 बनने का लाभ पुखराज सोनाजी प्रागाणी-मेंगलवा ने, छड़ीदार-2 बनने का लाभ माँगीलाल नेनमल संकलेचा-मेंगलवा ने लिया। सभा में लक्की ड्रॉ के भाग्यशालियों को पारितोषिक दिया गया |
कार्यदक्ष मुनिराज आनन्दविजय महाराज ने बताया कि प्रातः भौर के समय देश के सुप्रसिद्ध विधिकारक सत्यविजय हरण के निर्देशन में सात विधिकारकों एवं उनके सहायकों द्वारा आचार्य भगवन्तों एवं श्रमण-श्रमणिवृन्द की निश्रा में अंजनशलाका मण्डप में सभी प्रतिमाओं का च्यवन कल्याणक विधिपूर्वक आचार्य भगवन्तों एवं मुनिराजों द्वारा किया गया।
दोपहर में श्री आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा शान्तिदेवी सोहनराज मिश्रीमल बालगोता-मेंगलवा की ओर से मधुकर ग्रुप-नागदा द्वारा संगीतमय पढ़ाई गई।
प्रतिष्ठोत्सव सम्पूर्ण आयोजन महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), श्री वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), श्री तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा विविध कार्यक्रमों के साथ सम्पादित हो रहा है।
प्रातः की नवकारसी गेबीचन्द शिवराज धुड़ाजी छत्रियावोरा-जीवाणा, दोपहर की नवकारसी भीमराज पुनमाजी झोटा-दादाल एवं सायं की नवकारसी रूपचन्द साँकलचन्द वाणीगोता-तिलोड़ा की ओर से हुई।
आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना छगनराज हंजाजी ओबाणी-पोषाणा, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना चम्पालाल प्रेमचन्द राँका-उम्मेदाबाद (गोल) एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भँवरलाल जुगराज बाफना की ओर से की गई। सूरत से आई डिम्पल बेन ने भक्ति गीतों से श्रद्धालुओं को आनन्दित किया।
शनिवार को होंगे ये आयोजन
आपको बता दें कि जयन्तसेनसूरीश्वर के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ दिनांक 5 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव के तट छठे दिन 10 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त गुरु भगवन्तों की निश्रा में प्रभु का जन्मकल्याणक एवं 56 दिक्कुमारी महोत्सव कलाकारों द्वारा सजीव मंचन किया जायेगा।
दोपहर में मुनिसुव्रतस्वामी अष्टप्रकारी पूजा संगीतकार द्वारा पढ़ाई जायेगी |