- योगीराज नहीं होते तो तीर्थ का कायाकल्प नहीं होता-जयरत्नसूरि
जालोर. श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का आयोजन जयन्तसेनसूरीश्वर के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ दिनांक 5 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जा रहा है |
श्री महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), श्री वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), श्री तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा आयोजित प्रतिष्ठोत्सव में प्रतिदिन गुरुभगवन्तों की शुभ निश्रा में धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक आयोजन हो रहे हैं |
बुधवार प्रातः से ही गुरुभक्तों का तीर्थ परिसर में आगमन प्रारम्भ हो गया। पूजा-दर्शन-वन्दन के पश्चात् क्षत्रियकुण्ड नगरी में धर्मसभा का आयोजन गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर, विमलगच्छाधिपति आचार्य प्रद्युम्नविमलसूरीश्वर, आचार्य नरेन्द्रसूरीश्वर आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभनिश्रा में धर्मसभा का आयोजन गच्छाधिपति के मुखारबिन्द से हुआ। मीडिया प्रभारी कुलदीप प्रियदर्शी ने बताया कि धर्मसभा में आचार्य नरेन्द्रसूरि महाराज ने दादा गुरुदेव के द्वारा उद्धरित भाण्डवपुर तीर्थ पुण्यवन्त भूमि है और जैसे मालवे में मोहनखेड़ा है वैसे मरुधर में यह तीर्थ मोहनखेड़ा है। आचार्यदेवेश प्रद्युम्नविमलसूरीश्वर महाराज ने सम्बोधित करते हुए बताया कि मनुष्य सहज बनें, सरल बनें तभी वह आत्मा मुक्ति को प्राप्त कर सकता है। जीवन में आँधी आए तभी गाँधी बन सकता है और यह आचार्य जयरत्नसूरि ने मनोबल रख इस तीर्थ को महातीर्थ बनाया है।
भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेवेश जयरत्नसूरि महाराज ने कहा कि मेरे गुरुदेव शान्तिविजय महाराज नहीं होते तो इस भाण्डवपुर तीर्थ का काया कल्प नहीं होता। गुरु आज्ञा स्वीकार कर उन्होंने यह स्वप्न सँजोया उसका मूर्त्तरूप आज साकार है और आज यह तीर्थ विश्व के मानचित्र पर उच्च शिखर पर पहुँच गया है।
मूल मन्दिर में बिराजमान होने वाली प्रतिमाओं को भराने के चढ़ावे बोले गए। जिसमें पन्नारत्न की विमलनाथ भगवान की प्रतिमा भराने का लाभ संघवी पारसमल नेनमल संकलेचा परिवार-मेंगलवा ने, पुखराजरत्न की श्रीशान्तिनाथ की प्रतिमा भराने का लाभ संघवी पारसमल नेनमल संकलेचा परिवार-मेंगलवा ने, गोखला नं. 5 में नेमीनाथ भगवान की प्रतिमा भराने का लाभ श्रीमती पानीदेवी कुन्दनमलजी गुलेच्छा परिवार-सायला ने, गोखला नं. 6 में श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा भराने का लाभ हीराचन्द समरथमल झोटा परिवार-दाधाल ने, गोखला नं. 7 में श्री पद्मनाभस्वामी की प्रतिमा भराने का लाभ संघवी जेठमल कीनाजी संकलेचा परिवार-मेंगलवा ने एवं गोखला नं. 8 में साँचा श्री सुमतिनाथ भगवान की प्रतिमा भराने का लाभ मीठालाल नेनमलजी संकलेचा परिवार-मेंगलवा ने लिया।
तीर्थ परिसर में मन्दिर, भवन आदि के लाभार्थियों का बहुमान किया गया। जिसमें धाणसा संघ, मेंगलवा संघ, दाधाल संघ, मैसूर संघ, मदुराई संघ, सुराणा संघ, विजयवाड़ा संघ, श्री राजेन्द्रसूरीश्वर जैन ट्रस्ट-चैन्नई, थराद संघ, श्री शान्तिनाथ जैन श्वेताम्बर पेढ़ी व श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर पेढ़ी-सायला, वासणा संघ, डीसा संघ, बीजापुर संघ एवं धानेरा संघ का बहुमान किया गया।
महोत्सव के तीसरे दिन दिनांक 7 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त नन्दावर्त्त पट्ट पूजन भँवरलाल कुन्दनमल छत्रगोता-मलाणी परिवार-चौराऊ की ओर से, श्री लघु सिद्धचक्र पूजन दलीचन्द भूरमल भण्डारी परिवार-मेंगलवा की ओर से, श्री लघु वीशस्थानक पट्ट पूजन चिराग दिनेशकुमार भूरमल भण्डारी परिवार-मेंगलवा की ओर से, श्री राजेन्द्रसूरि गुरुपद महापूजन चम्पालाल भूरमल भण्डारी परिवार-मेंगलवा की ओर से संगीतकार द्वारा पढ़ाई गई | प्रातः की नवकारसी सोनमल प्रतापजी गोवाणी परिवार-चौराऊ, दोपहर की नवकारसी बाबूलाल धनराज डोडिया गाँधीमुथा परिवार-धुम्बड़िया एवं सायं की नवकारसी हिमताजी प्रेमाजी श्रीश्रीमाल परिवार-दाधाल की ओर से हुई।
सायं कुमारपाल महाराजा की भव्य आरती का लाभ मनोहरमल पुखराज बालगोता परिवार-मेंगलवा ने लिया
आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना कालूचन्द साँकलचन्द हुकमाणी परिवार-पाँथेड़ी, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना श्री आदिनाथ-राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर संघ पेढ़ी-आकोली एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी अमरीदेवी रिखबचन्द वेलाजी छत्रगोता परिवार-सायला की ओर गई।
गुरुवार को ये होंगे आयोजन
महोत्सव चौथे दिन दिनांक 8 फरवरी 2024 को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त जयन्तसेनसूरि गुरुपद महापूजन संगीत की मधुर स्वरलहरियों के साथ पढ़ाया जायेगा। प्रातः की नवकारसी, दोपहर की नवकारसी एवं सायं की नवकारसी लाभार्थी परिवार की ओर से होगी। आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भी होगी। भगवान महावीरस्वामी के 27 भवों का मंचन क्षत्रियकुण्ड में प्रातः 10 बजे होगा।