- भव्य जैन संतों का नगर प्रवेश सोमवार को, दुल्हन की तरह सजा भांडवपुर जैन तीर्थ
जालोर. जिले के भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का सोमवार 5 फरवरी को भव्य संतों के नगर प्रवेश के साथ आगाज होगा। तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव को लेकर पूरे जैन तीर्थ को दुल्हन की तरह सजाया गया है। तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव को लेकर जैन समाज के लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव आयोजन जयन्तसेनसूरीश्वर के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वर महाराज आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ सोमवार को आगाज होगा। प्रतिष्ठोत्सव के निमित्त सम्पूर्ण तीर्थ परिसर को विशेष रूप से सुसज्जित किया गया है और प्रत्येक आयोजन हेतु विभिन्न समितियाँ बनाई गई है जो सेवा-समर्पण के साथ अपनी सेवाएँ प्रदान करेंगी । सम्पूर्ण आयोजन श्री महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), श्री वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), श्री तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा सम्पादित होगा। प्रतिष्ठोत्सव में अनेक प्रशासननिक, सामाजिक गणमान्य पदाधिकारियों का भी आगमन होगा ।
सोमवार को विभिन्न नगरी का भव्य उद्घाटन
कार्यदक्ष मुनिराज आनन्दविजय महाराज ने बताया कि महोत्सव प्रथम दिन सोमवार को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त कुम्भ स्थापना, दीपक स्थापना, जलयात्रा, ज्वारारोपण, पूज्य गुरु भगवन्तों का रजत कलश से ऐतिहासिक भव्य सामैया हाथी, घोड़ा, बग्गी, बैण्ड, ढोल वाद्ययन्त्रों के साथ विभिन्न कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुतियों द्वारा तीर्थ द्वार पर पहुँचेगा। जहाँ गहुँली कर अक्षत से बंधाने के साथ प्रतिष्ठा निमित्त बनी क्षत्रियकुण्ड नगरी (राजसभा), भरतपुर नगरी (भोजन मण्डप), अभिनन्दन मण्डप (बहुमान कक्ष), पावापुरी नगरी (आवास), श्री महावीर मण्डप (अंजनशलाका क्रिया मण्डप) का लाभार्थी परिवारों द्वारा भव्य उद्घाटन किया जाएगा।
महोत्सव में होगी पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजा
सोमवार दोपहर में श्री पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजा पढ़ाई जाएगी व घर-घर तोरण बान्धे जाएँगे। प्रातः नवकारसी मुहूर्त्त उद्घोषणा लाभार्थी की ओर से, दोपहर की नवकारसी जाजम लाभार्थी की ओर से एवं शाम की नवकारसी भगवान के मुनीम के लाभार्थी परिवार की ओर से होगी ।आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भी होगी।