जालोर. मेंगलवा में रविवार को गच्छाधिपति आचार्य नित्यासेन सूरीश्वर सहित साधु-साध्वी मंडल का जैन समाजबंधुओ द्वारा भव्य अगवानी की गई। तेजराज संकलेसा की बेटी साध्वी माधुर्यलता ने दीक्षा अंगीकार करने के बाद प्रथम बार अपने सांसारिक घर पर पगलिया किये और आचार्य महाराज ने भी पगलिये किए। जहां पर परिवारजनों द्वारा साध्वी मंडल की अगवानी कर साध्वी के केसर- कुमकुम से सफेद वस्त्र पर पगलिया करवाये गए। इस अवसर पर साध्वी माधुर्यलता ने कहा कि दीक्षा कार्यक्रम को लेकर आप सभी ने यहां ध्येय बनाया था कि कुछ भी हो, हमें संयमी की दीक्षा अच्छे सम्पन्न करवानी है। इसके लिए आपने पूरी लगन व मेहनत की उसी का फल है कि नगर में दीक्षा का यह कार्यक्रम ऐतिहासिक बन गया था।
संसार कभी खुशी, कभी गम हैंः साध्वी माधुर्यलता
तेजराज संकलेसा की बेटी नूतन दीक्षित साध्वी माधुर्यलता दीक्षा अंगीकार करने के बाद प्रथम बार अपने सांसारिक घर पर पधारने पर साध्वी माधुर्यलता ने प्रवचन में कहा कि दीक्षा अंगीकार करने के बाद प्रथम बार गुरु मां के सांसारिक घर में आई हूं। एक ही रात्रि में महसूस हो गया कि संसार कभी खुशी, कभी गम है। जबकि संयम के रास्ते में हर पल आनंद ही आनंद है। संसार में मां शरीर का ध्यान रखती है, परंतु गुरु मां आत्मा के साथ शरीर का भी ध्यान रखती है। इसदिन मेंगलवा में लगभग 150 साधु साध्वी की अगवानी हुई ।